सांकेतिक तस्वीर (Image- Social Media)
Maharashtra Newes: ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ का लाभ एक ही परिवार से अधिकतम दो महिलाओं को दिया जाएगा, यह पहले से तय है। लेकिन देखा गया है कि कुछ परिवारों की तीन या चार महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। इसके अलावा यह भी सामने आया है कि कुछ महिलाओं की उम्र निर्धारित सीमा से बाहर है, जबकि पात्रता की आयु 21 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इसी वजह से लातूर जिले की 4 हजार 827 महिलाओं का नाम सूची से हटा दिया गया है।
दरअसल, महिलाओं और लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने पिछले वर्ष जुलाई में ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ की शुरुआत की थी। यह योजना विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में लाई गई थी, इसलिए प्रारंभिक चरण में पात्रता नियमों पर बहुत ध्यान नहीं दिया गया। इसी कारण यह भी देखने को मिला कि कुछ महिलाओं ने परिवार में कार होने और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेते हुए भी पंजीकरण करवा लिया।
इसके साथ ही यह भी पाया गया कि कुछ परिवारों की तीन या अधिक महिलाओं ने आवेदन किया था और कुछ ने निर्धारित उम्र पूरी न होने के बावजूद नाम दर्ज करवा लिया था। इसी कारण से इन सभी मामलों का पुनः सत्यापन कराया गया। लातूर जिले में इस योजना का लाभ लेने के लिए कुल 5 लाख 92 हजार 231 महिलाओं ने पंजीकरण कराया था। इनमें से 24 हजार 772 आवेदन अपात्र घोषित किए गए।
वर्तमान में लातूर जिले में 5 लाख 67 हजार 459 महिलाएं इस योजना की पात्र लाभार्थी हैं। शासन के निर्देश के अनुसार 21 वर्ष से कम और 65 वर्ष से अधिक उम्र वाली संदिग्ध महिलाओं के दस्तावेजों का फिर से सत्यापन किया गया। इस प्रक्रिया में 1,616 महिलाएं अपात्र पाई गईं। साथ ही एक ही परिवार से दो से अधिक महिलाओं द्वारा लाभ लेने के संदेह पर 55 हजार 092 महिलाओं की जानकारी की जांच की गई। इनमें से 3 हजार 211 महिलाओं को अपात्र घोषित किया गया।
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इस योजना में पात्रता के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम 65 वर्ष निर्धारित की गई है, लेकिन यह भी देखा गया कि कुछ महिलाओं ने 19 या 20 वर्ष की उम्र में भी लाभ प्राप्त कर लिया। वहीं, असली सत्यापन में यह बात भी सामने आई कि कुछ 65 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं भी लाभार्थियों की सूची में शामिल हैं।