मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (फाइल फोटो)
नई दिल्ली/मुंबई. राष्ट्रपति भवन के अशोक मंडप में रविवार को नीति आयोग की बैेठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मानसून के दौरान कोकण क्षेत्र में व्यर्थ बह जानेवाले बरसाती पानी को सूखाग्रस्त मराठवाड़ा क्षेत्र की ओर मोड कर समस्या के समाधान की महत्वाकांक्षी योजना पेश की। इस बैठक में उन्होंने किसानों की मांगों पर विचार किए जाने के साथ दूध, कपास, सोयाबीन और प्याज किसानों की समस्याओं के संबंध में न्याय पूर्वक विचार किए जाने की मांग की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित किए गए इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल सहित नीति आयोग के पदेन सदस्य, केंद्रीय मंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष उपस्थित थे। इस दौरान सीएम शिंदे ने विशेष रूप से किसानों के लिए मुद्दे उठाए। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से प्याज मूल्य स्थिरीकरण निधि योजना के तहत बफर स्टॉक के लिए प्याज की खरीद के संबंध में मूल्य नीति पर विचार करने का अनुरोध किया। साथ ही सोयाबीन और कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने दूध में मिलावट रोकने के लिए कदम उठाने की भी मांग की।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मराठवाड़ा को सूखा बनाने के लिए वॉटर ग्रिड को गति देने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि कोकण में व्यर्थ बह जाने वाले पानी की उपयोग मराठवाड़ा को सूखा मुक्त बनाने के लिए किया जाना चाहिए। सांगली और कोल्हापुर की बाढ़ के अलावा कोकण में हर साल 167 टीएमसी पानी बहकर समुद्र में चला जाता है। राज्य सरकार कुछ पानी रोककर मराठवाड़ा स्थित गोदावरी घाटी की ओर ले जाने का प्रयास कर रही है। केंद्र को भी इसमें तेजी लानी चाहिए।
इस बैठक में मुख्यमंत्री ने दावा किया कि स्वास्थ्य बीमा के मामले में महाराष्ट्र अग्रणी राज्य है। महाराष्ट्र ने महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना के तहत सभी नागरिकों को कवर करने के लिए कवरेज में 5 लाख रुपये की वृद्धि की है।
हाल ही में शिवनेरी, रायगढ़, प्रतापगढ़ जैसे शिवकालीन 12 ऐतिहासिक किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची के लिए नामांकित किया गया है। सरकार इस सूची में पंढरपुर वारी यात्रा, दही हांडी और गणपति उत्सव जैसे त्योहारों को शामिल करने की कोशिश कर रही है।
सभी ग्रामीण और शहरी भूमि अधिकारों को डिजिटल कर दिया गया है और 2.62 करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों और 70 लाख शहरी क्षेत्रों में नागरिकों को ऑनलाइन मोड के माध्यम से भूमि रिकॉर्ड उपलब्ध कराने की जानकारी मुख्यमंत्री ने दी।