सीएम देवेंद्र फडणवीस और मनोज जरांगे (डिजाइन फोटो)
Kunbi Certificate To Marathas: मराठवाड़ा के मराठा समाज को 17 सितंबर तक कुणबी प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई तो सरकार के खिलाफ कड़ा निर्णय लेने की चेतावनी मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने दी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि हैदराबाद गजेटियर के अनुसार अगर रिकॉर्ड मिलते हैं तो तुरंत प्रमाणपत्र दिया जाए। अन्यथा दशहरा सभा में आगे की भूमिका घोषित की जाएगी।
अंतरवली सराटी में आयोजित सत्कार समारोह में जरांगे पाटिल बोल रहे थे। मुंबई में हुए आंदोलन के बाद पहली बार गांव लौटने पर ग्रामीणों ने उनका जोरदार स्वागत किया। महिलाओं ने औक्षण किया, गुलाल और फूलों की वर्षा करते हुए गांव में रैली निकाली गई।
इस आत्मीय स्वागत से भावुक हुए जरांगे पाटिल ने सरकार को सीधा इशारा दिया। उन्होंने कहा कि हैदराबाद गजेटियर के अनुसार प्रमाणपत्र दीजिए, अन्यथा हम महाराष्ट्रभर में गांवबंदी आंदोलन फिर से शुरू करेंगे।
मराठा समाज ने पिछले दो वर्षों में आरक्षण की लड़ाई में 96% सफलता पाई है। बाकी की प्रक्रिया भी पूरी होकर रहेगी। मराठवाड़ा, विदर्भ, कोकण और पश्चिम महाराष्ट्र के सभी मराठा 100% ओबीसी में शामिल होने जा रहे हैं।
मंत्री छगन भुजबल का नाम लेते हुए मनोज जरांगे ने चेतावनी दी कि अगर आप हमारी जड़ पर वार करेंगे, तो हमें भी आपकी जड़ पर वार करना पड़ेगा। 1994 के जीआर को हम कोर्ट में चुनौती देंगे। मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों को हैदराबाद गजेटियर के अनुसार प्रमाणपत्र देने का फैसला लेना चाहिए, अन्यथा हमें दशहरा सभा में सख्त भूमिका घोषित करनी पड़ेगी।
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मनोज जरांगे ने कहा कि हम पर दर्ज केस वापस लिए जाएंगे, क्योंकि हमने किसी पर हमला नहीं किया है। लेकिन 17 सितंबर तक मराठा समाज के हाथ में कुणबी प्रमाणपत्र होना चाहिए। मराठा समाज की जीत भले ही हुई हो, लेकिन कुछ लोगों को यह हजम नहीं हो रही। इसलिए सरकार को तुरंत स्पष्ट भूमिका लेकर भ्रम की स्थिति खत्म करनी चाहिए।