(फाइल फोटो)
छत्रपति संभाजीनगर: महाराष्ट्र कृषि आयुक्तालय ने आठ जिलों में प्याज की फसल के बीमा का क्षेत्र प्याज की वास्तविक खेती के क्षेत्रफल से कहीं अधिक होने का पता चलने के बाद संबंधित जिलाधिकारियों को जमीनी स्थिति की जांच करने को कहा है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि इस संबंध में कृषि निदेशक विनयकुमार अवाटे ने नासिक, धुले, अहमदनगर, पुणे, सोलापुर, सतारा, छत्रपति संभाजीनगर और बीड के जिलाधिकारियों और अधीक्षण कृषि अधिकारियों को पत्र भेजा है।
पत्र में कहा गया है कि इन जिलों में 75,312 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर प्याज की खेती की गई है। हालांकि बीमा आवेदनों के अनुसार 2,63,136 हेक्टेयर जमीन पर प्याज की खेती की गई है, जो कि 349 प्रतिशत अधिक है। पत्र में कहा गया है कि प्रति हेक्टेयर भूमि पर प्याज के लिए प्रीमियम की राशि 46,000 से 81,422 रुपये के बीच है और पूरी राशि का भुगतान सरकार करती है।
यह भी पढ़ें:– मुबंई की सड़क का बदलेगा नाम, महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने CM शिंदे को लिखा पत्र
किसान घोषणा करते हैं कि उन्होंने एक विशेष फसल लगाई है, लेकिन इसका कोई सत्यापन नहीं होता है। इसमें कहा गया है कि वास्तव में फसल बोए बिना उसका बीमा करना सरकार के साथ धोखाधड़ी है। पत्र में कहा गया है कि जिलाधिकारियों को बीमा कंपनियों के कर्मचारियों के माध्यम से गांवों से ऐसी विसंगतियों के बारे में रिपोर्ट प्राप्त करनी चाहिए तथा फर्जी आवेदन दाखिल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
बता दें कि महाराष्ट्र में सबसे अधिक प्याज नासिक, धुले, अहमदनगर, पुणे, सोलापुर, सतारा, छत्रपति संभाजीनगर, बीड इन जिलों में ही होता है। इन इलाकों में भारी बारिश के कारण प्याज की फसल को नुकसान हुआ था।
यह भी पढ़ें:– इंटरनल सर्वे में चौंकाने वाले खुलासे, आंकड़े बयां कर रहे बीजेपी-कांग्रेस का प्रेशर गेम
केंद्र सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर 40% शुल्क लगाने के बाद, अप्रैल से जून की अवधि में निर्यात में भारी गिरावट आई है। निर्यात शुल्क बढ़ाने या ‘नाफेड’ और ‘एनसीसीएफ’ के प्याज बाजार में उतारने से भी कीमतें स्थिर हैं। स्थानीय बाजार में वर्तमान में 3500 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से प्याज की कीमत मिल रही है। पिछले साल अप्रैल 2022 से मार्च 2023 की अवधि में देश से 25 लाख 25 हजार टन प्याज का निर्यात हुआ था। प्रति माह औसतन 2 लाख टन से अधिक निर्यात हुआ था।
केंद्र सरकार ने 19 अगस्त 2023 को प्याज पर 40% निर्यात शुल्क लगाया था, जिसका निर्यात पर विपरीत प्रभाव पड़ा। इसके बावजूद स्थानीय बाजार में प्याज की कीमतें स्थिर होने पर सरकार ने 28 अक्टूबर 2023 को न्यूनतम निर्यात मूल्य 800 डॉलर प्रति टन तय किया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)