पश्चिमी विदर्भ में भारी बारिश! (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Maharashtra Weather Update: पश्चिमी विदर्भ के अकोला, बुलढाणा और वाशिम ज़िलों में मंगलवार सुबह भारी बारिश ने ज़ोरदार वापसी की। चार-पांच घंटे तक लगातार हुई बारिश से नदी-नालों में बाढ़ आ गई है। हज़ारों हेक्टेयर फ़सलें जलमग्न होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। कुछ गांवों में घर ढह गए हैं, जिससे उनकी आजीविका चौपट हो गई है। अकोला ज़िले में एक व्यक्ति नाले में बह जाने से मर गया, जबकि बुलढाणा ज़िले में बाढ़ के कारण समय पर इलाज न मिलने पर सर्पदंश से एक महिला की मौत हो गई।
बुलढाणा जिले के लोणार तालुका में मंगलवार सुबह चार घंटे तक हुई भारी बारिश के कारण भारी वर्षा दर्ज की गई। इस बारिश के कारण नदी-नालों में बाढ़ आने से हजारों हेक्टेयर में खड़ी फसलें जलमग्न हो गईं। देउलगांव कुंदापाल, अजीसपुर, धाड़, पंगरा डोल, तितवी, लोणार, हिरदाव, बोरखेड़ी, गुंधा क्षेत्रों में फसलों को नुकसान पहुंचा है। देउलगांव कुंदापाल के पास झील में एक बड़ी दरार बन गई है और आशंका है कि यह फट जाएगी।
लोणार तालुका में भारी वर्षा के कारण नदियां और नाले दो दिशाओं में बहने लगे। कुछ नदियों के पुलों के ऊपर से पानी बहने के कारण चार मार्गों पर स्थित गांवों के बीच संपर्क टूट गया। हिरदाव से लोणार, लोणार से देउलगांव कुंदापाल, अजीसपुर से खुरमपुर, वडगांव से वडगांव फाटा मार्गों पर यातायात रोक दिया गया है। टिटवी, देउलगांव कुंदापाल और गुंधा लघु सिंचाई परियोजनाएं 100 प्रतिशत भर चुकी हैं और नालों के माध्यम से पानी छोड़ा जा रहा है।
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नदी के किनारे बसे देउलगांव कुंदापाल, टिटवी, रायगांव, नांद्रा, गुंजखेड़, मोहोतखेड़ गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि लोणार तालुका के पांच मंडलों और खामगांव व शेगांव तालुका के दो मंडलों में बादल फटने से हुई बारिश के कारण फसलें, खेत और घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस नुकसान का तुरंत पंचनामा तैयार करें।
धाड़ के किसान जान बचाने के लिए खेत में लगे टिन शेड में जा गिरे। उन्हें बचाने गया बेटा भी वहीं फंस गया। इसकी सूचना मिलने पर शिव छात्र मित्र मंडल के अध्यक्ष नंदकिशोर मापारी ने तहसीलदार और पुलिस को सूचना दी। आखिरकार बचाव दल ने पिता-पुत्र विट्ठल रामचंद्र वाघमारे और विकास विट्ठल वाघमारे को सुरक्षित बचा लिया। लोनार में शेख महबूब शेख रऊफ के घर के बगल की दीवार गिर गई और बाइक क्षतिग्रस्त हो गई।
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वाशिम जिले की पैनगंगा, अदाना और कटेपूर्णा नदियों में आई बाढ़ से फसलें बह गईं। किसान मुश्किल में हैं क्योंकि दो और तीन बार बोई गई फसलें भी बाढ़ में बह गईं। पैनगंगा नदी दो चरणों में बहने के कारण तटवर्ती गांवों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। इस बाढ़ के कारण शेलू खड़से, वाकड, पिंपलगांव, अकोली, हिवारा गांवों की खेती जलमग्न हो गई है। मालेगांव तालुका में रात से हो रही भारी बारिश के कारण कटेपूर्णा नदी में बाढ़ आ गई है।
इस बाढ़ का पानी पुल के ऊपर से बहने के कारण कुत्तरडोह, अमनवाड़ी, रामराववाड़ी, पिंपलखेड़ा गांवों का संपर्क टूट गया है। कुत्तरडोह गांव के पास पुल की ऊंचाई कम होने के कारण ग्रामीणों का कहना है कि अगले तीन-चार दिनों तक पुल के ऊपर से पानी बहता रहेगा। शेलुबाजार इलाके में अदाना नदी में आई बाढ़ से सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो गई है।
कई जगहों पर खेतों की मिट्टी के साथ-साथ फसलें भी बह गई हैं। पिंपरी, खरबी, मसोला, गणेशपुर इलाकों में खेती बुरी तरह प्रभावित हुई है। ज़िले में आज और बुधवार को भी भारी बारिश जारी रहेगी, और प्रशासन ने नदी किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है।
लोनार शहर में भारी बारिश के कारण झील का पानी किनारों से ऊपर बहकर झील में आ गया है। झील का जलस्तर पहले से ही ऊंचा था। सूत्रों के अनुसार, आज हुई बारिश ने इसमें और इज़ाफ़ा कर दिया है और जलस्तर चार से पांच फीट बढ़ गया है। झील में स्थित कमलजा माता मंदिर चौथी मंजिल तक पानी में डूब गया है।