(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Gondia News In Hindi: गोंदिया जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, जिससे लोगों में दहशत का माहौल है। पिछले पाँच महीनों में, अप्रैल 2025 से अब तक, सर्पदंश के कुल 36 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 9 लोगों की जान चली गई है। हालांकि, समय पर इलाज मिलने से बाकी 27 लोगों की जान बचाई जा सकी। यह आंकड़ा बारिश के मौसम में सांपों के अधिक विचरण को दर्शाता है, जो ग्रामीणों के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है।
जिला संक्रामक रोग अधिकारी डॉ. निरंजन अग्रवाल ने बताया कि सर्पदंश से हुई मौतों में सबसे ज्यादा देवरी तहसील में हुई हैं, जहां 4 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा, तिरोड़ा में 3, अर्जुनी मोरगांव में 1 और गोंदिया में 1 मौत दर्ज की गई है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि गोंदिया जिले में कुल 45 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और 264 उपकेंद्र हैं। हालांकि, एंटी-रेबीज और एंटी-स्नेक इंजेक्शन केवल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, ग्रामीण अस्पतालों, उप-जिला अस्पतालों और जिला सामान्य अस्पताल में ही उपलब्ध हैं। इसका कारण यह है कि इन इंजेक्शनों का उपयोग केवल विशेषज्ञ चिकित्सक ही सावधानीपूर्वक कर सकते हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि सभी 45 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ये इंजेक्शन उपलब्ध हैं।
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सर्पदंश से हुई 9 मौतों में से 4 लोगों को रात में सोते समय सांप ने काटा था। यह दिखाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को रात में भी विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
डॉक्टरों ने लोगों को सर्पदंश के लक्षणों के प्रति जागरूक रहने की सलाह दी है। अक्सर सर्पदंश का तुरंत एहसास नहीं होता, और लक्षण 15 मिनट से 10 घंटे के बीच दिखाई देते हैं। इन लक्षणों में पेट दर्द, उल्टी, बार-बार शौच आना, अत्यधिक पसीना, मुंह, पेशाब या शौच मार्ग से खून आना, डंसने वाली जगह पर सूजन, सांस लेने में तकलीफ, आंखें खुली रखने में परेशानी या बेहोशी शामिल हैं।
अगर किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिखाई दें, तो उसे बिना देर किए तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाना चाहिए, ताकि समय पर इलाज मिल सके। यह खबर न केवल एक चेतावनी है, बल्कि यह भी बताती है कि ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में सांप के काटने से बचाव के लिए आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग करके कई जानें बचाई जा सकती हैं।