गोरेगांव. शहर में इन दिनों बैंकों में पार्किंग व्यवस्था की समस्या एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ रही है. इसके पूर्व बैंक ऑफ महाराष्ट्र में ही पार्किंग की समस्या हुआ करती थी लेकिन राष्ट्रीय महामार्ग के चौड़ाईकरण के बाद अब मार्ग पर स्थित अन्य बैंकों में भी अब यह समस्या बन गई है. इन सभी बैंकों में तहसील से हजारों खातेदार हैं लेकिन इन खातेदारों के लिए पार्किंग व्यवस्था अब सड़क पर आ गई है.
ऐसे में यातायात में लगातार बाधा उत्पन्न हो रही है. आधी सड़क पर टू वीलर व फोर वीलर वाहन यातायात को प्रभावित कर रहे है जिसमें दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है. बैंक प्रशासन भी इस विषय को गंभीरता से नहीं ले रहा है जिसके चलते तिरोड़ा से गोरेगांव मार्ग के बाद अब गोंदिया से गोरेगांव राष्ट्रीय महामार्ग पर भी बैंकों में पार्किंग समस्या एक गंभीर समस्या बन गई है.
उल्लेखनीय है कि गोरेगांव शहर में बैंक ऑफ महाराष्ट्र, स्टेट बैंक, को ऑपरेटिव बैंक, ग्रामीण बैंक तथा अर्बन बैंक ऐसे करीब पाच बैंक शहर में उपलब्ध है. जिसमें बैंक ऑफ महाराष्ट्र तिरोड़ा मार्ग पर स्थित है बाकी अन्य सभी बैंक राष्ट्रीय महामार्ग पर ही है. जहां कभी बैंक आफ महाराष्ट्र में ही पार्किंग की समस्या थी वहीं अब राष्ट्रीय महामार्ग के चौड़ाईकरण के बाद अन्य बैंकों में भी यह एक गंभीर समस्या बन गई है. जिसमें को ऑपरेटिव व ग्रामीण बैंक एक दूसरे से बेहद करीब हैं. ऐसे में बड़ी संख्या में वाहनों की कतारें आधी सड़क पर खड़ी रहती है जो सुबह से शाम तक यातायात में बाधा उत्पन्न कर रही है.
इसके पूर्व इन बैंकों में पार्किंग की समस्या नहीं हुआ करती थी लेकिन राष्ट्रीय महामार्ग चौड़ाईकरण के बाद पार्किंग के लिए जगह शेष नहीं है. ऐसे में यहां हजारों खातेदार यहां बैंक व्यवहार के लिए प्रतिदिन आते हैं लेकिन पार्किंग व्यवस्था उपलब्ध न होने से इन्हें मजबूरी में अपने वाहनों को सड़क पर ही खड़े करना पड़ रहा है जो यातायात के लिए परेशानी बन गई है. उसी तरह एसबीआई बैंक में भी यही आलम है. साथ ही बैंक ऑफ महाराष्ट्र में तो पार्किंग समस्या वर्षों से बरकरार है.
ऐसे में यहां अनेक दुर्घटनाओं के बाद भी बैंक प्रशासन पार्किंग व्यवस्था उपलब्ध कराने में अपनी रुचि नहीं दिखा रहा है. जिसमें कुछ गंभीर दुष्परिणाम भी सामने आए हैं लेकिन बैंकों के सामने वाहनों की कतारें थमने का नाम नहीं ले रही हैं जो दुर्घटनाओं को लगातार आमंत्रण दे रही है. बैंक प्रशासन को इस विषय को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. लेकिन अब तक ऐसा यहां कुछ भी होता दिखाई नहीं दे रहा है. यहां पार्किंग समस्या एक बड़ी समस्या बन गई है.