आंदोलनकारी सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने कहा कि हमने सेवा के दौरान पूरी निष्ठा से कार्य किया, लेकिन रिटायरमेंट के बाद सरकार हमें हमारे अधिकार देने में टालमटोल कर रही है। बार-बार ज्ञापन और निवेदन देने के बावजूद हमारी मांगे पूरी नहीं हुईं। ग्रेच्युटी से की गई कटौती, सातवें वेतन आयोग की किस्त, एकस्तरीय वेतनमान और पेंशन जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर हमें सड़कों पर उतरना पड़ा है। यदि जल्द समाधान नहीं किया गया, तो हम राज्य स्तर पर बड़ा आंदोलन करेंगे। यह लड़ाई सिर्फ हमारे हक की नहीं, बल्कि सम्मान की भी है।