विधायक बडोले और अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (सौजन्य-सोशल मीडिया)
गोंदिया: महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र 2025 के तीसरे दिन गोंदिया और भंडारा जिलों के किसानों की समस्याओं को केंद्र में लाते हुए अर्जुनी मोरगांव विधानसभा क्षेत्र के विधायक और पूर्व सामाजिक न्याय मंत्री राजकुमार बडोले ने औचित्य का मुद्दा उठाया और गोंदिया और भंडारा जिलों में किसानों के सामने आ रही धान खरीदी और बकाया की समस्या की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया।
बडोले ने सदन को बताया कि इस वर्ष गोंदिया और भंडारा जिले में ग्रीष्मकालीन धान का उत्पादन अधिक हुआ है। लेकिन धान खरीदी प्रक्रिया बीच में ही बंद कर दिए जाने के कारण किसानों के पास बड़ी मात्रा में धान बचा हुआ है। इस कारण किसानों का धान खराब होने की आशंका है और धान नहीं बिकने पर किसानों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा। इसलिए उन्होंने सरकार से धान खरीदी की सीमा बढ़ाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि यदि किसानों का धान नहीं बिकेगा तो उन्हें बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए सरकार को तत्काल धान खरीदी की सीमा बढ़ाकर खरीदी प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। इसके साथ ही बडोले ने आदिवासी विकास महामंडल द्वारा इस वर्ष खरीदे गए धान के बकाए का भी गंभीर मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस महामंडल द्वारा खरीदे गए धान का पैसा अभी तक किसानों के खातों में जमा नहीं किया गया है। उन्होंने मांग की कि किसानों को बुआई के समय पैसे की जरूरत होती है। सरकार को तुरंत किसानों के खातों में धान का बकाया जमा करना चाहिए।
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गोंदिया और भंडारा जिले धान उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। यहां किसान बड़ी मात्रा में धान उगाते हैं और यही उनकी आय का मुख्य स्रोत है। हालांकि, खरीद केंद्रों पर सीमित खरीद और धान का बकाया मिलने में देरी से किसानों को परेशानी हो रही है। सत्र में बडोले द्वारा उठाया गया यह मुद्दा किसानों के हित में है और इस पर सरकार क्या कदम उठाती है, इस पर सभी का ध्यान है। किसानों को उम्मीद है कि सरकार बडोले द्वारा की गई मांगों पर तत्काल कार्रवाई करेगी। धान खरीद की सीमा बढ़ाने और बकाया राशि का तुरंत भुगतान करने से गोंदिया-भंडारा जिलों के किसानों को राहत मिल सकती है।