सांकेतिक तस्वीर
Gondia News: एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने गोंदिया जिले में शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए कृषि उत्पन्न बाजार समिति (APMC) के सभापति भाऊराव उके और कनिष्ठ लिपिक हेमेंद्र उर्फ सोनू चुन्नीलाल पटले (37) को रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार किया।
जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता कृषि उपज मंडी समिति में अस्थाई कर्मचारी के रूप में कार्यरत था। स्थाई नियुक्ति दिलाने के नाम पर सभापति उके और लिपिक पटले ने उससे 2.50 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। पीड़ित कर्मचारी ने इस संदर्भ में एसीबी से संपर्क कर शिकायत दर्ज कराई। शिकायत की सत्यता की पुष्टि के बाद एसीबी ने जाल बिछाने की योजना बनाई।
29 सितंबर को शिकायतकर्ता को एफसीआई गोदाम, मुर्री बुलाया गया। यहां सभापति के निर्देश पर शिकायतकर्ता ने कनिष्ठ लिपिक पटले को 1.50 लाख रुपये नगद सौंपे। जैसे ही पटले ने पैसे स्वीकार किए, एसीबी की टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया। इसके बाद कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए सभापति भाऊराव उके को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
एसीबी ने आरोपियों के मोबाइल जब्त किए और उनके घर की तलाशी भी ली। अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक, एसीबी नागपुर क्षेत्र अधिकारी डॉ. सागर कावड़े के मार्गदर्शन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एल.पी.वी. नागपुर) माधुरी बाविस्कर तथा पर्यवेक्षण अधिकारी डॉ. अरुणकुमार लोहार के निर्देशन में की गई।
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जांच की जिम्मेदारी पुलिस निरीक्षक नितेश देशमुख (भंडारा) को सौंपी गई। कार्रवाई में पुलिस उपाधीक्षक डॉ. अरुणकुमार लोहार, निरीक्षक नितेश देशमुख, उपनिरीक्षक उज्ज्वला मडावी, संजय कुंजरकर, प्रतीक उके, चेतन पोटे सहित एसीबी भंडारा विभाग की पूरी टीम शामिल रही।
एसीबी अधिकारियों ने बताया कि मंडी समिति जैसे सार्वजनिक संस्थानों में भ्रष्टाचार रोकना प्राथमिकता है। इस कार्रवाई से क्षेत्र में रिश्वतखोरी के खिलाफ कड़ा संदेश गया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है।’