वन विभाग की टीम ने जब्त किए सागौन के लट्ठे
गडचिरोली: गडचिरोली जिले के अंतिम छोर पर बसे सिरोंचा तहसील में सागौन की तस्करी होती है। सागौन तस्करी पर नकेल कसने के लिए वनविभाग पूरा प्रयास कर रहा है। किंतु तस्करों द्वारा दोनों राज्यों की सीमा पर स्थित नदियों के मार्ग से सागौन तस्करी को अंजाम दिया जा रहा है। सिरोंचा तहसील के झिंगानुर वनपरिक्षेत्र के अंतर्गत महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से बहने वाली इंद्रावती नदी से सागौन की तस्करी की जा रही थी।
वनविभाग के दस्ते ने कार्रवाई करते हुए करीब 4 लाख 9 हजार 60 रूपए कीमत के सागौन के लट्ठे जब्त किए हैं। इस कार्रवाई से सागौन तस्करों में खलबली मच गई है। इंद्रावती नदी से सागौन लकड़ियों की तस्करी की सूचना वनकर्मियों को मिली। जिससे वनपरिक्षेत्र के क्षेत्रीय कर्मचारियों ने नदी में खोज मुहिम चलाई। इस दाैरान वन विभाग को नदीपात्र में बहते सागौन लट्ठे दिखाई दिए। कुल 30 सागौन के 30 नग जब्त किए गए हैं। जिसकी कीमत 4 लाख 9 हजार 60 रूपए है।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि नदी के रास्ते सागौन की तस्करी की जाने वाली है। जिसके बाद विभाग की टीम ने जाल बिछाकर सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान इंद्रावती नदी से 30 नग सागौन के लट्ठे बहते हुए दिखाई दिए। इसे वनविभाग की टीम ने जब्त कर लिया है।
यह कार्रवाई परीविक्षाधीन वनपरिक्षेत्र अधिकारी पी.वी.वी. रेड्डी के मार्गदर्शन में क्षेत्र सहायक बी. के. निमगडे, टी. एच. बेपारी, वनरक्षक तिरूपती सडमेक, महेंद्र हिचामी, संजय मडावी, आशीष कुमरे, अशोक गोरगोंडा, राम कोरामी, गणेश मेश्राम, लुमेश चौधरी, नितेश कोरेत, विजू मडावी, सुधाकर महाका, बालाजी सोनकांबले, मांतेश सिडाम, राज जोरतोडे, मयुरी जुमनाके, वनमजदूर नीलेश मडावी, वल्का मडावी, श्रीकांत कोंडागोरला आदि ने की।
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बताया जा रहा है कि गडचिरोली जिले में इस नदी के जरिए पहले भी कई सागौन की तस्करी की गई। वनविभाग ने इसके पहले भी कई बार कार्रवाई की है। फिर भी तस्करों के हौसले बूलंद है। गडचिराेली जिले में पिछले कुछ सालों में सागौन की तस्करी के मामले बढ़े हैं। राज्य में 2022 में गडचिरोली जिले में सबसे ज्यादा 14 मामले सामने आए थे।