गड़चिरोली. राज्य सरकार में मंत्री नवाब मलिक कुख्यात देशद्रोही दाऊद इब्राहिम का गुलाम होने की बात ईडी के आरोपपत्र से स्पष्ट हुई है. इसके बावजूद राज्य सरकार मंत्री को बचाने का प्रयास कर रही है. यह सरकार दाऊद की कथपुतली बनी है. दाऊद से संबंधित नवाब मलिक की तत्काल मंत्रीमंडल से हटाकर महाराष्ट्र को बचाने की मांग भाजपा जिलाध्यक्ष किसन नागदेवे ने आयोजित पत्रपरिषद में की है.
पत्रपरिषद में नागदेवे ने बताया कि, राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेते होनेवाले नवाब मलिक का असली चेहरा अब ईडी के कार्रवाई के बाद सामने आया है. जांच में और उनके कारनामे उजागर होनेवाले है. महाराष्ट्र समेत समुचे देश को अस्थिर करने हेतु दाऊद इब्राहिम ने बम विस्फोट किए थे.
इस षड्यंत्र के अमल हेतु स्थानीय स्तर पर पैसा जुटाने हेतु एक साजिश के तहत बेनामी मालमत्ता अल्प दाम में खरीदकर बडी मात्रा में कालाधन जमा करने का छडयंत्र अब उजागर होने लगा है. नवाब मलिक द्वारा किया व्यवहार यह उसी साजिश का एक हिस्सा था. यह ईडी के आरोप के बाद स्पष्ट हुआ है. आगे जांच में भी और बाते स्पष्ट होने की संभावना है.
इसके बावजूद नवाब मलिक का मंत्रीपद बचाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए ठाकरे सरकार पर दबाव भी लाया जा रहा है. मुख्यमंत्री पद बचाने के लिए स्वयं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस दबाव के समक्ष झुककर मलिक को संरक्षण दे रहे है. क्या संपूर्ण ठाकरे सरकार दाऊद की गुलाम हुई क्या, ऐसा सवाल भी भाजपा जिलाध्यक्ष नागदेवे ने इस समय किया.
महाराष्ट्र तथा देश के सुरक्षा हेतु खतरा बननेवाले नवाब मलिक को मंत्रीमंडल से हटाएं, वहीं ईडी द्वारा किए जानेवाले जांच में ठाकरे सरकार संपूर्ण सहयोग करना चाहिए, ऐसी मांग भी उन्होने की. इसे लेकर भाजपा की ओर से आंदोलन किया जा रहा है. ऐसी बात भी उन्होने कहीं. पत्रपरिषद में भाजपा पदाधिकारी गोविंद सारडा, बाबुराव कोहले, प्रशांत वाघरे, प्रमोद पिपरे, सदानंद कुथे, अनिल पोहनकर, मुक्तेश्वर काटवे आदि उपस्थित थे.