प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra Government Appealed To Farmers: मौसम विभाग ने महाराष्ट्र से 8 अक्टूबर से मानसून विदा होने की संभावना जताई थी। जिससे किसानों ने भी राहत की सांस ली थी। लेकिन अब मौसम विभाग ने 15 अक्टूबर से राज्य के साथ ही विदर्भ में तुफानी बारिश का अनुमान जताया है। जिसके चलते किसानों पर फिर से संकटों के बादल मंडराते नजर आ रहे है। जिस कारण किसानों की चिंता बढ़ गई है।
मौसम विभाग के बारिश के चेतावनी के मद्देनजर प्रशासन ने उपज को सुरक्षित रखने की सूचना की है। जून माह से बारिश का आगाज होता है। लेकिन इस वर्ष शुरुआती दिनों में कुछ समय के लिए बारिश गायब हुई थी। जिससे बुआई कार्य विलंब पर गए थे।
जून माह के अंतिम सप्ताह में बारिश शुरू हुई। तब से लेकर बारिश का दौर निरंतर जारी है। इस वर्ष किसानों ने अच्छे उत्पादन की उम्मीद में फसलों की बुआई की। लेकिन इस दौरान कुछ समय अतिवृष्टि के चलते बाढ़ के कारण फसलें बर्बाद हुई। वहीं सितंबर माह के अंतिम सप्ताह के दौरान फसलें अंतिम चरण में थी।
ऐसे में तुफानी वर्षा ने हल्क व मध्यम प्रजाति के फसलों को बर्बाद कर दिया था। वहीं 30 अक्टूबर को बारिश का मौसम समाप्त हुआ। इसके बावजूद अक्टूबर माह के एक सप्ताह तक बारिश का दौर कायम रहा। इस बीच मानसून लौट रहा है।
8 अक्टूबर तक मानसून राज्य से विदा होगा ऐसी संभावना मौसम विभाग ने जताई थी। जिससे किसानों ने राहत की सांस ली थी। लेकिन बेमौसम बारिश का दौर शुरू है। ऐसे में 15 अक्टूबर से पूर्व विदर्भ के साथ ही राज्य में बारिश की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। जिससे किसानों की धडकने तेज हुई है।
गड़चिरोली जिले में बडे पैमाने पर बारिश होती है। इसके चलते गड़चिरोली जिले में धान की फसल बडे पैमाने पर ली जाती है। जिससे सिंचाई सुविधा के अनुरूप हल्के, मध्यम तथा भारी प्रजाति के धान की उपज ली जाती है। इसके साथ ही कुछ किसान फसल पद्धति में बदलांव कर कपास व सोयाबीन व अन्य फसलें ले रहे है।
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अंतिम चरण में हो रही बारिश के चलते जिले में धान के साथ ही अन्य फसलों को व्यापक क्षति पहुंच रही है। इन दिनों हल्की व मध्यम प्रजाति के धान की फसलों पर उपज अंकुरित हुई है। ऐसे में बारिश होती है, तो किसानों का व्यापक नुकसान होनेवाला है। वहीं कपास फसलों का भी व्यापक नुकसान होनेवाला है।
विगत कुछ दिनों से मौसम सुखा है। वहीं नैऋत्य मान्सून ने राज्य से विदा लिया है। लेकिन 15 अक्टूबर से राज्य के मौसम में फिर से बदलाव अपेक्षित है। 15 से 18 अक्टूबर तक विदर्भ, मराठवाडा तथा मध्य महाराष्ट्र में बदरीला मौसम व दोपहर के बाद तुफानी बारिश की संभावना है।
कृषि विभाग ने अपील की है कि किसान मौसम के स्थिति के तहत नियोजन करे तथा उपज निकलने पर तुफानी बारिश तथा हवाओं से सुरक्षित रखे। आसमान में बादल छाए रहने के कारण फसलों पर कीटों का प्रकोप होने की संभावना व्यक्त हो रही है। जिससे किसानों की चिंता बढ गई है।