दुर्गम क्षेत्रों में दौड़ रही भंगार बसें (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gadchiroli News: राज्य के आखिरी छोर पर बसे गड़चिरोली जिले में सरकार द्वारा विकास के ढेरों दावे किए जा रहे है। लेकिन आज भी जिले के अनेक दुर्गम गांवों में यातायात सुविधाओं के लिए लोगों को जूझना पड़ रहा है। ऐसे में राज्य परिवहन निगम की ‘लालपरी’ यानी एसटी बस जिले के अनेक गांवों में पहुंची है। लेकिन अनेक दुर्गम गांवों में भंगार अवस्था में पहुंची बसों का ही परिचलन होने के कारण दुर्गम क्षेत्र के लोगों को व्यापक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गड़चिरोली जिला आदिवासी बहुल क्षेत्र, पिछड़ापन व नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के चलते केंद्र व राज्य सरकार की नजर जिले पर रहती है। जिससे देश के आकांक्षी जिलों में इसका समावेश किया गया है। जिले के विकास के लिए व्यापक प्रयास शुरू होने के दावे सरकार द्वारा किए जा रहे है। लेकिन जिले के दुर्गम क्षेत्र में आज भी सुविधाओं की दरकार कायम है। यातयात की सुविधाओं के अभाव में जिले के सर्वाधिक लोगों का सफर राज्य परिवहन निगम की बसों पर जारी है।
जिससे राज्य के साथ ही जिले की भी लोकवाहिनी के रूप में एसटी बस को पहचाना जाता है। लेकिन बसों में अनेक समस्याओं के चलते नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने रापनि के मार्फत किए जाने वाले सफर में व्यापक सहुलियते दिए जाने के कारण रापनि के बसों में लोगों का सफर बढ़ा है। जिसके चलते रापनि की आय भी बढ़ रही है।
लेकिन यात्रियों को जरूरी सुविधा देने में रापनि विफल होता नजर आ रहा है। जिले में बसों के समय को लेकर अनेक शिकायते तो है ही लेकिन कबाड़ बसें यात्रियों के सफर में भारी परेशानियों का सबब बनी है। जिले के दुर्गम क्षेत्रों में रापनि द्वारा कबाड़ बसों का ही परिचलन होता नजर आ रहा है। जिसके कारण नागरिकों को अन्य यातायात सुविधाओं के अभाव में यह परेशानी भरा सफर करना पड़ रहा है।
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जिले में गड़चिरोली तथा अहेरी डिपो के माध्यम से बसों का परिवहन किया जाता है। लेकिन इन डिपो में कई भंगार बसें होने के कारण इन बसों से ही यात्री परिवहन किया जा रहा है। इन भंगार बसों से हो रहे यात्री परिवहन के दौरान बीच रास्तों में बसें बंद होना तो आम बात है। लेकिन बसों की छत उड़ने, बसों में पानी टपकने, चलते-चलते ही बस के साहित्य टूटकर गिरने आदि घटनाएं भी हो चुकी है। जिससे भंगार बसों में यात्रियों का जानलेवा सफर जारी होने के बावजूद इस ओर रापनि तथा प्रशासन की घोर बेध्यानी होने की बात कही जा रही है।
कोरोनाकाल समाप्त हुए काफी समय बीत चुका है। अब जनजीवन पूर्णत पटरी पर आया है। लेकिन गड़चिरोली जिले में अनेक गांवों में बस फेरियां अब तक शुरू नहीं होने की भी जानकारी है। कुछ जगह सड़कें होने के बावजूद बस फेरी नहीं होने के कारण नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं निजी वाहनों से मजबूरन सफर करना पड़ रहा है।