गड़चिरोली में महिलाओं में जंग (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Gadchiroli News: नगर परिषद (नप) चुनाव की तारीख घोषित होते ही राजनीतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी है। गड़चिरोली नप का अध्यक्ष पद खुले प्रवर्ग की महिला के लिए आरक्षित होने से प्रमुख दलों से उच्चशिक्षित महिलाओं को मौका मिलने की संभावना है। कांग्रेस और अन्य मोर्चों को छोड़ दें तो भाजपा में अध्यक्ष पद की टिकट के लिए 4 महिलाओं के बीच जबरदस्त खींचतान दिखाई दे रही है।
इनमें भाजपा महिला जिलाध्यक्ष तथा पूर्व नगराध्यक्ष योगिता पिपरे, जो पोस्ट-ग्रेजुएट हैं; रीना चिचघरे, जो गड़चिरोली स्थित स्टेट बैंक में ब्रांच मैनेजर थीं (चुनाव के लिए उन्होंने इस्तीफा देने की चर्चा है); गीता हिंगे, जो स्नातक हैं; और हाल ही में भाजपा में शामिल हुई प्रणोती निंबोरकर, जिन्होंने कानून की शिक्षा प्राप्त की है। इन चार नामों पर चर्चा जोरों पर है।
कांग्रेस की ओर से प्राचार्य कविता पोरेड्डीवार भी नगराध्यक्ष पद की प्रबल इच्छुक हैं, और उनकी उम्मीदवारी पार्टी ने पहले ही घोषित कर दी है। इसके अलावा शहर विकास आघाड़ी और आंबेडकरी संगठनों की ओर से भी उच्चशिक्षित महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारने की संभावना जताई जा रही है। कुल मिलाकर गड़चिरोली नप चुनाव में नगराध्यक्ष पद के लिए शिक्षित महिलाओं के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।
गड़चिरोली नप चुनाव के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता अपने निकटवर्ती उम्मीदवारों को टिकट दिलाने की कोशिशों में जुटे हैं। कांग्रेस द्वारा हाल ही में पार्टी में शामिल हुईं प्राचार्य कविता पोरेड्डीवार को उम्मीदवार घोषित किए जाने से पार्टी की कुछ महिला पदाधिकारी नाराज़ हैं और वे अन्य दलों से टिकट पाने के प्रयास कर रही हैं।
भाजपा में चार प्रमुख नामों की चर्चा है, जिसमें योगिता पिपरे, गीता हिंगे, रीना चिचघरे तथा प्रणोती निंबोरकर का समावेश है। इन चारों में से किसी को भी उम्मीदवार बनाया गया तो बगावत की संभावना जताई जा रही है। पार्टी में यह मांग भी उठ रही है कि नए आने वालों की बजाय निष्ठावान कार्यकर्ताओं को टिकट दिया जाए। इसी कारण उम्मीदवार चयन को लेकर भाजपा नेतृत्व की परीक्षा लगनेवाली है।
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करीब 70 हजार आबादी वाले गड़चिरोली शहर में तेली समाज का प्रभावशाली दबदबा है। इसलिए राजनीतिक दल इस समाज की महिला को उम्मीदवार बनाने की दिशा में सोच रहे हैं। साथ ही, तेली समाज की उपजातिय समीकरण और मतों का जोड़-घटाव भी उम्मीदवार चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
गड़चिरोली शहर में तेली समाज के अलावा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा ओबीसी मतदाता भी निर्णायक हैं। इसी वजह से दलों द्वारा उम्मीदवार तय करते समय जातीय संतुलन, समाज में प्रभाव तथा वोट बैंक का गहराई से विश्लेषण किया जा रहा है। यही कारण है कि इस बार गड़चिरोली नप का चुनाव अत्यंत रोचक और अति-प्रतिस्पर्धी होने के आसार हैं।