मानव विकास मिशन बस (सौजन्य-नवभारत)
MSRTC News: महाराष्ट्र के गढ़चिरोली जिले में राज्य परिवहन (MSRTC) की बदहाल व्यवस्था और बसों की भारी कमी के खिलाफ मंगलवार को स्कूली छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। पोर्ला परिसर के सैकड़ों छात्रों ने अनियमित बस सेवा और मानव विकास मिशन की बसों के दुरुपयोग को लेकर गढ़चिरोली-नागपुर राष्ट्रीय महामार्ग पर ‘चक्काजाम’ कर दिया। इस आंदोलन के चलते हाईवे के दोनों ओर करीब 10 किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
ग्रामीण और दुर्गम अंचल के विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि गढ़चिरोली बस डिपो द्वारा छात्रों की संख्या के अनुपात में पर्याप्त बसें उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं। नियमित समय पर बस न आने और बस स्टॉप पर बसों के न रुकने के कारण छात्रों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। इसका सीधा असर उनकी पढ़ाई पर पड़ रहा है। कई दुर्गम क्षेत्रों में तो स्थिति इतनी चिंताजनक है कि बस की सुविधा न होने के कारण छात्रों को अपनी पढ़ाई तक छोड़नी पड़ी है।
आंदोलनकारी छात्रों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने ‘मानव विकास मिशन’ के अंतर्गत विशेष रूप से छात्राओं और विद्यार्थियों के लिए बस सेवा शुरू की थी। लेकिन, इन बसों का उपयोग अब आम यात्रियों के परिवहन के लिए किया जा रहा है। इसके कारण छात्राओं के लिए आरक्षित सीटें उन्हें नहीं मिल पा रही हैं और उन्हें भीड़भाड़ में सफर करना पड़ता है या फिर बस छूट जाने की स्थिति का सामना करना पड़ता है।
मंगलवार सुबह जब छात्रों ने पोर्ला गांव के पास सड़क जाम की, तो प्रशासन में हड़कंप मच गया। छात्रों ने एसटी महामंडल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपनी मांगों के समर्थन में सड़क पर ही बैठ गए। आंदोलन की तीव्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाईवे पर करीब 10 किमी तक ट्रकों और बसों की लाइन लग गई। छात्रों का कहना था कि जब तक बस सेवा में सुधार का ठोस लिखित आश्वासन नहीं मिलता, वे पीछे नहीं हटेंगे।
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छात्रों के उग्र रूप को देखते हुए पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारी आनन-फानन में मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने छात्रों की समस्याओं को धैर्यपूर्वक सुना और भरोसा दिलाया कि प्रत्येक स्टॉप पर बसों का रुकना सुनिश्चित किया जाएगा और मानव विकास की बसों में छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रशासन की ओर से बस सेवा सुचारू करने के ठोस आश्वासन के बाद छात्रों ने जाम खोला। हालांकि, छात्रों और अभिभावकों ने चेतावनी दी है कि यदि दोबारा व्यवस्था बिगड़ी, तो इससे भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा।