परीक्षा देते आत्मसमर्पित नक्सली (फोटो नवभारत)
Gadchiroli Police Project Sanjivani: गड़चिरोली में अपनी शिक्षा अधर में छोड़ अनेक लोग नक्सल आंदोलन से जुड़ गए थे। पुलिस की आत्मसमर्पण योजना के चलते जिले में बीते वर्षों में अनेक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर विकास का दामन थामा है। ऐसे में पुलिस विभाग ने भी उनके विकास के लिए अनेक उपक्रम शुरू कर दिए हैं।
आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए पुलिस दल के “प्रोजेक्ट संजीवनी” के माध्यम से शिक्षा के गुर सिखाएं जा रहे हैं। इस दौरान कुल 106 आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुलिस दल व जिला परिषद गड़चिरोली के शिक्षा विभाग के माध्यम से साक्षर बनाने का उपक्रम चलाया जा रहा है। इस मुहिम के तहत आज 21 सितंबर को 42 आत्मसर्पित नक्सलियों ने साक्षरता की जांच परीक्षा दी।
हिंसा का मार्ग छोड़ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का विकास हो तथा उन्हें समाज के मुख्य प्रवाह में शामिल होने के लिए सरलता हो इसके लिए गड़चिरोली पुलिस दल की ओर से समय -समय पर विभिन्न उपक्रम चलाएं जाते हैं।
इसी उपक्रम के तहत गड़चिरोली पुलिस दल की ओर से जिला परिषद गड़चिरोली के संयुक्त तत्वावधान में आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए साक्षरता मुहिम का आयोजन किया गया था। प्रोजेक्ट संजीवनी अंतर्गत जिला पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल के मार्गदर्शन में आत्मसमर्पित नक्सलियों को शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।
इसी के तहत गड़चिरोली पुलिस दल के प्रोजेक्ट संजीवनी तथा महाराष्ट्र राज्य कौशल विकास सोसायटी (एमएसएसडीएस) के अंर्तगत दिए जाने वाले या कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए किमान शैक्षणिक अर्हता 5 वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है। लेकिन आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली नक्सल आंदोलन में शामिल होने के पूर्व 4 थी, 5 वीं तक की शिक्षा भी पूर्ण नहीं की थी।
वहीं कुछ आत्मसमर्पित नक्सली शालेय शिक्षा से भी पूर्णत: वंचित रहे थे। यह बात ध्यान में लेकर गड़चिरोली पुलिस दल की ओर से विश्व साक्षरता दिवस से यानी 8 सितंबर से 21 सितंबर तक चलाए गए इस उपक्रम के दौरान कुल 106 आत्मसर्पित नक्सलियों को साक्षरता के गुर सिखाए गए।
प्रशिक्षण में अक्षर पहचान, शब्दरचना, अंकगणित जैसे बुनियादी विषयों के साथ डिजिटल साक्षरता के गुर भी सिखाएं गए। आत्मसमर्पित नक्सलियों को दैनंदिन जीवन में आवश्यक विभिन्न बातों का ज्ञान भी दिया गया।
इस उपक्रम की सफलता के लिए पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल, जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सुहास गाडे, अपर पुलिस अधीक्षक (अभियान) एम रमेश, अपर पुलिस अधीक्षक (प्रशासन) गोकुल राज जी।, माध्यमिक शिक्षणाधिकारी वासुदेव भुसे के मार्गदर्शन में जिला परिषद गड़चिरोली के शिक्षक, आत्मसमर्पण शाखा के अधिकारी व जवान तथा नागरी कृति शाखा के अधिकारी आदि ने प्रयास किया।
उक्त कालावधि में साक्षरता के गुर सीखने वाले 106 आत्मसर्पित नक्सलियों में से 42 आत्मसर्पित नक्सलियों की साक्षरता जांच 21 सितंबर को पुलिस मुख्यालय के एकलव्य हॉल में ली गई। इस जांच में उत्तीर्ण होने के बाद उक्त आत्मसमर्पित नक्सलियों को साक्षरता प्रमाणपत्र दिया जाएगा। इसके बाद वे 5 वीं व 8 वीं के परीक्षा के लिए पात्र होने वाले है।
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साक्षरता मुहिम माध्यम से उक्त आत्मसमर्पित नक्सलियों को विकास के मुख्य प्रवाह में शामिल होने का अवसर मिलेगा, वहीं इससे उनके लिए रोजगार तथा स्वंयरोजगार के नए मार्ग तैयार होंगे। इसके अलावा 8 वीं व 10 वीं के परीक्षा के लिए पात्र आत्मसमर्पितों के लिए स्वतंत्र शिक्षा वर्ग का भी आयोजन किया जाने वाला है।
सरकार द्वारा वर्ष 2005 से आत्मसमर्पण योजना चलाई जा रही है। जिसके चलते हिंसाभरे जीवन से त्रस्त होकर अनेक वरिष्ठ नक्सलियों के साथ कुख्यात नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। जिससे आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का पुलिस दल द्वारा पुनर्वास किया जा रहा है।
नक्सल विरोधी अभियान के व्यापक प्रभावी अमल के चलते अब तक गड़चिरोली पुलिस दल के समक्ष 716 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। बीते 2022 से अब तक के कालावधि में 67 कुख्यात नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। वहीं इस वर्ष 2025 में अब तक कुल 34 नक्सली हथियार डाल चुके है।