प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स : सोशल मीडिया)
Gadchiroli Liquor Ban News: राज्य सरकार के गृह मंत्रालय ने एक सरकारी परिपत्र जारी करते हुए प्रदेश के वर्धा समेत गड़चिरोली जिले के लिए गठित शराब बंदी कानून पर प्रभावी अमल करने के लिए शराब बंदी प्रभाग दल के गठन को मंजूरी प्रदान की थी। लेकिन अनेक वर्ष बीत जाने के बाद भी यह दल गठित नहीं हो पाया है। उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय ने इस दल के लिए पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के कुल 22 पदों को भी मंजूरी प्रदान करते हुए युध्दस्तर पर टीम के गठन के निर्देश जारी किये थे। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर अब तक इस टीम का गठन नहीं किये जाने से खासकर गड़चिरोली जिले में शराब बंदी कानून का मखौल उड़ता नजर आ रहा है।
गड़चिरोली जिला पूरी तरह से आदिवासी बहुल जिला होने के कारण समाजसेवी डा। अभय बंग द्वारा किये गये आंदोलनों के बाद राज्य सरकार ने सन 1993 में जिले को ड्राय जिले के रूप में घोषित किया। आदिवासी संस्कृति में महुआ शराब को काफी महत्व होने के कारण आज भी जिले के सुदूर इलाकों में आदिवासी नागरिक हाथभट्टी की महुआ शराब बना रहे है।
लेकिन दूसरी ओर जिले में सक्रिय शराब तस्करों द्वारा बाहरी राज्यों से बड़े पैमाने पर शराब की यातायात कर इसकी अवैध रूप से बिक्री करते पाये जा रहे है। शराब की इस अवैध बिक्री को बंद करने राज्य सरकार ने ग्राम स्तर पर महात्मा गांधी विवादमुक्त गांव समितियों की स्थापना भी की है। इन समितियों के माध्यम से शराब बंदी पर अमल किया जा रहा है।
गड़चिरोली जिले के न्यूनतम गांवों में इस समिति के माध्यम से शराब बंदी लागू की गयी है। लेकिन शहरी इलाकों में बड़े पैमाने पर अंग्रेजी और देशी शराब की बिक्री शुरू है। शराब की बिक्री पर लगाम कसने के लिए गड़चिरोली शहर मुख्यालय राज्य उत्पादन शुल्क विभाग कार्यरत है। इसके अलावा स्थानीय अपराध शाखा के पुलिस अधिकारी भी इस कार्य में जूटे है।
शहर पुलिस को भी शराब बंदी पर नकेल कसने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। लेकिन इतने बड़े संख्या में पुलिस जवान कार्यरत होने के बावजूद जिले में शराब बंदी कानून केवल कागजों पर ही दिखायी दे रहा है। लिहाजा इस समस्या का जड़ से निवारण करने के लिए गृह मंत्रालय ने गड़चिरोली व वर्धा जिलों के लिए शराब बंदी प्रभाग दल स्थापन करने का निर्णय लिया था।
वर्षों बीत जाने के बाद भी अब तक दल का गठन नहीं हो पाया है। जिसके चलते दोनों जिलों में शराब की नदियां खुलेआम बह रहीं है। शराब बंदी कानून पर कड़ा अमल करने विशेष प्रभाग बंदी दल के साथ वर्तमान में मौजूद पुलिस की टीमों को विशेषाधिकार प्रदान की आवश्यकता महसूस हो रही है।
चंद्रपुर जिले से हाल ही में शराब बंदी हटाई गयी। गड़चिरोली जिले का अधिकांश हिस्सा चंद्रपुर से सटा हुआ है। इसी स्थिति का लाभ उठाकर इन दिनों चंद्रपुर जिले से बड़े पैमाने पर शराब का परिवहन शुरू है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ राज्य के मानपुर और पखांजुर क्षेत्र से इन दिनों अंग्रेजी और देशी शराब की यातायात बढ़ गयी है।
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छत्तीसगढ़ की सीमा पार कर गड़चिरोली जिले में दाखिल होने के लिये कई स्थानों पर चेकपोस्ट बनाये गये है। लेकिन पुलिस से सांठगांठ कर शराब के तस्कर बड़ी ही आसानी से शराब की यातायात करते पाये जा रहे है। विभिन्न कार्रवाइयों में पुलिस द्वारा पकड़ी गयी शराब में छत्तीसगढ़ राज्य की शराब पायी गयी है।
इससे यह साफ जाहिर होता हैं कि गड़चिरोली जिले में छत्तीसगढ़ राज्य की शराब भी आने लगी है। शराब बंदी पर लगाम कसने के लिए विभिन्न दल कार्यरत हैं, लेकिन उनके द्वारा विशेष कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिससे यह व्यवसाय दिनों दिन बढ़ रहा है।