गडचिराेली में हाथियों ने खेतों की पाइप लाईन को नष्ट किया
गडचिरोली: गडचिरोली जिले के देसाईगंज वन परिक्षेत्र के तहत विहिरगांव उपक्षेत्र के ग्राम चिखली परिसर के खेतों में जंगली हाथियों का उपद्रव थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार की रात जंगली हाथियों ने गांव के दर्जनों किसानों के खेतों में प्रवेश कर धान की फसल को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया है। एक दिन पूर्व जिस खेत में धान की फसल लहलहा रहीं थी, वह खेत अब पूरी तरह मैदान नजर आने लगे हैं। इस नुकसान के कारण चिखली के किसानों पर आर्थिक संकट छाया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछले पांच दिनों से जंगली हाथियों ने अपना डेरा देसाईंगज वन परिक्षेत्र में जमाया है। दिन भर जंगल में आराम करने के बाद जंगली हाथी रात्रि के वक्त खेतों में प्रवेश करने लगे है। शुक्रवार की रात चिखली निवासी जगन्नाथ डोलारे, भास्कर डोलारे, निशा शहारे, मुकूंदा आंबोने, वामन कांबले समेत अन्य किसानों के खेतों में पहुंचकर जंगली हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया। खेत में खड़ी धान की फसल को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया।
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घटना की जानकारी मिलते ही शनिवार की सुबह विहिरगांव उपक्षेत्र के क्षेत्र सहायक कैलास अंबादे, वनरक्षक डी। जे। गेडाम और हुल्ला टीम के सदस्यों ने घटनास्थल पर पहुंचकर नुकसान का पंचनामा किया। इस घटना से एक बार फिर किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है।
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धान की फसल को सींचने के लिए चिखली के कुछ किसानों ने खेतों में कृषि पंप लगाकर पाईप लाईन बिछाई है। शुक्रवार की रात खेत में घुसे जंगली हाथियों ने धान की फसल को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ कृषि पंप की पाईप लाईन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है। चिखली निवासी मुकूंदा आंबोने नामक किसान के खेत में लगाई गई पाईप लाईन को हाथियों ने पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है।