प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Gadchiroli Electric Vehicles Charging Problem: गड़चिरोली नक्सलग्रस्त जिला होने के कारण बिजली की समस्या न होने के बाद भी जिले के दुर्गम परिसर के गांवों में बिजली की समस्या गंभीर बन गयी है। यदि एक बार बिजली आपूर्ति बंद होने पर 2 से 3 दिन तक बिजली पूर्ववत शुरू नहीं हो पाती है। ऐसे स्थिति में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग कैसे करें, ऐसा प्रश्न निर्माण होता है। जिससे कारण आज भी जिले के दुर्गम और ग्रामीण परिसर में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या कम है।
गड़चिरोली जिले के अधिकत्तर गांव जंगल से घिरे हुए है। इन गांवों को सड़क किनारे जंगल से बिजली आपूर्ति की गई है। ऐसे में वातावरण में बदलाव होकर तूफान अथवा बारिश होने पर बिजली आपूर्ति बंद हो जाती है। 2 से 3 दिन तक बिजली आपूर्ति पूर्ववत शुरू नहीं होने के कारण गांवों में अंधेरा छाया रहता है।
जिले में पिछले कुछ वर्ष में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदी की ओर ग्राहकों का रुझान बढ़ गया है। जिले में 5 हजार 621 दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन है। वहीं तीन पहिया वाहनों की संख्या 360 से अधिक है। तो करीब 50 से अधिक चौपहिया वाहन है।
इलेक्ट्रिक वाहन खरीदी की संख्या बढ़ने के बाद भी ग्राहकों को उक्त वाहन चार्जिंग करने के लिए बिजली समस्या का सामना करना पड़ रहा है। गांव में बिजली आपूर्ति नहीं होगी तो इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बिजली कहां से लाए? ऐसा प्रश्न निर्माण हो गया है। जिससे दुर्गम व ग्रामीण परिसर के नागरिक इलेक्ट्रिक वाहन नहीं खरीद रहे है।
जिले में करीब 5 हजार से अधिक इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन है। चौपहिया वाहनों की संख्या भी अब बढ़ते दिखाई दे रही है। शहरी परिसर के नागरिक इलेक्ट्रिक वाहन खरीदी को प्राथमिकता दे रहे है। कुछ ग्रामीण परिसर के नागरिक भी उक्त वाहन खरीदी करने पर भी ग्रामीण परिसर में बिजली की समस्या कायम होने के कारण चार्जिंग करने के लिए उन्हें अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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आंधी अथवा बारिश होने पर नागरिकों को अंधेरे में रात बितानी पड़ती है। कुछ गांवों में तो दो-तीन दिन तक बिजली आपूर्ति पूर्ववत शुरू नहीं हो पाती है। इस परिसर के नागरिकों में बिजली समस्या को लेकर तीव्र नाराजगी है। ऐसे में ग्रामीण परिसर के कुछ नागरिक इलेक्ट्रिक वाहन खरीदी करने पर बिजली की अभाव में वाहन चार्जिंग का प्रश्न निर्माण हो रहा है।
पेट्रोल की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन बेहतर होने का नागरिकों का अनुभव है। जिसके कारण इलेक्ट्रिक वाहन खरीदी करने वालों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ने दिखाई दे रही है। शहर में 5 शोरूम है। यहां पर अलग-अलग कंपनियों की इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध है। इन वाहनों पर सरकार अनुदान देती है।