रोजगार की तलाश में मजदूरों का पलायन जारी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gadchiroli News: राज्य के अंतिम छोर पर बसे गड़चिरोली जिले में अब उद्योगों की स्थापना हो रही है, जिससे कई लोगों को रोजगार मिल रहा है। लेकिन इसके विपरीत, सीमावर्ती क्षेत्रों में रोजगार के अवसर आज भी न के बराबर हैं। इसी कारण मजदूरों और बेरोजगार युवाओं का अन्य राज्यों में पलायन लगातार जारी है। इस वर्ष खरीफ सीजन की धान फसल कटाई के बाद यहां के युवा और मजदूर बेहतर रोजगार की तलाश में घर छोड़ते दिखाई दे रहे हैं।
विशेषतः जिले की दक्षिण सीमा से लगा सिरोंचा तहसील सीधे तेलंगाना राज्य से सटा है। इस वजह से सिरोंचा, अहेरी, भामरागड़, मुलचेरा, एटापल्ली, चामोर्शी और गड़चिरोली तहसील के मजदूर हर साल खरीफ सत्र के बाद बड़ी संख्या में तेलंगाना रोजगार के लिए जाते हैं।
जिले में बारहमासी नदियाँ मौजूद होने के बावजूद सिंचाई सुविधाओं का अभाव है। किसानों को बारिश पर निर्भर खेती करनी पड़ती है, जिससे कृषि के अलावा अन्य कोई बड़ा रोजगार विकल्प उपलब्ध नहीं हो पाता। ऐसे में हर साल मजदूरों को रोजगार की तलाश में भटकना पड़ता है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सीमावर्ती इलाकों में रोजगार निर्माण के लिए प्रशासन और सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है।
चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधियों द्वारा रोजगार उपलब्ध कराने के कई आश्वासन दिए जाते हैं, लेकिन उन पर अमल नहीं होता। इसका खामियाजा हर साल मजदूरों को दूसरे राज्यों में पलायन कर भुगतना पड़ता है। हालांकि जिले के कुछ क्षेत्रों में उद्योग आने लगे हैं, जहाँ स्थानीय बेरोजगार युवा रोजगार पा रहे हैं। इसी तरह सिरोंचा तहसील में भी उद्योगों की स्थापना कर बेरोजगार युवाओं को अवसर दिए जाने की मांग तेज हो रही है।
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वैनगंगा, प्राणहिता, पर्लकोटा, गोदावरी, इंद्रावती जैसी प्रमुख बारहमासी नदियों और अच्छी वर्षा होने के बावजूद पानी संरक्षित करने के पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं हैं। देसाईगंज, आरमोरी, गड़चिरोली, चामोर्शी, अहेरी, सिरोंचा और भामरागड़ तहसीलों में सिंचाई सुविधा का अभाव बना रहने से किसान भारी संकट झेल रहे हैं।स्थानीय नागरिकों का सवाल है।आखिर यह स्थिति कब बदल जाएगी?