परिणय फुके (सौजन्य-एक्स)
नागपुर: गड़चिरोली जिले में राईसमिल मालिकों को धमकाकर फिरौती की मांग करते हुए इस संदर्भ में क्लिन चिट देने की बात ऑडियो क्लीप में होकर इस मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग विधायक परिणय फुके ने विधान परिषद में करने से धान पिसाई के मुद्दा फिर एक बार चर्चा में आ गया है। विशेषत: आदिवासी विकास महामंडल द्वारा पिसाई के लिये दिया गया धान दूसरे राइस मिल से पिसाई करने का मामला सामने आया है। इस मामले की जांच शुरू थी।
भाजपा एमएलसी परिणय फुके ने कहा, “गड़चिरोली जिले में चावल मिल मालिकों को धमकाया और ब्लैकमेल किया जा रहा है। उनसे कहा जा रहा है, ‘हम आप पर LAQ लगाएंगे, आपको ब्लैकलिस्ट करेंगे, आपके खिलाफ कार्रवाई करेंगे और पुलिस आपको जेल भेज देगी।’ ऐसी धमकियों का इस्तेमाल उनसे पैसे ऐंठने के लिए किया जा रहा है और हाल के दिनों में ऐसी कई घटनाएं देखने को मिली हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “विधानसभा में भाजपा के काम का समर्थन करने या चुनाव के दौरान वित्तीय सहायता न देने के लिए लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। इसमें अतिक्रमण की शिकायतों, अनुबंध विवादों या निर्माण के संबंध में बिल्डरों के साथ मुद्दों के माध्यम से उत्पीड़न शामिल है। ब्लैकमेल करने और व्यवसायों में बाधा उत्पन्न करने के लिए LAQ का उपयोग एक व्यापक अभ्यास बन गया है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।”
Nagpur, Maharashtra: BJP MLC Parinay Fuke says, "Rice millers in Gadchiroli district are being threatened and blackmailed. They are being told, ‘We will impose LAQ on you, blacklist you, take action against you, and the police will send you to jail.’ Such threats are being used… pic.twitter.com/6eLxESa9JA — IANS (@ians_india) March 13, 2025
गड़चिरोली जिले में देसाईगंज समेत चामोर्शी तहसील में बडे पैमाने पर राइस मिल हैं। आदिवासी विकास महामंडल द्वारा खरीदी किए गए धान की मिलिंग करने के लिए करार कर दिया जाता है। देसाईगंज के एक राइस मिल में दूसरे मिल के नाम से चावल की पैकिंग किए जाने की जानकारी मिलते ही तहसीलदार ने छापामार कार्रवाई की। जिसमें दूसरे मिल का कार्य शुरू होते दिखाई देने से उन्होंने दो ट्रक चावल जब्त किया था।
आदिवासी विकास महामंडल द्वारा किसानों से खरीदा गया धान पिसाई के लिए शिवणी के एक राइस मिल के साथ करार किया था। उक्त राइस मिल को मिलिंग के लिए दिया गया चावल डिपो में पहुंचाना था। लेकिन उक्त माल पहुंचाना संभव नहीं होने से संबंधित राइस मिल के लेबल वाले बोरों में प्रत्यक्ष में देसाईगंज के एक राइस मिल से चावल भरा जा रहा था।
यह मामला अधिकारियों तक पहुंचते ही तहसीलदार ने राइस मिल की जांच की। जिसमें प्रत्येक 540 बोरों से भरे दो ट्रक चावल एक राइसमिल के नाम से भरे जा रहे थे। वह चावल जब्त कर पुलिस थाने में जमा किया था। तत्कालीन जिलाधिश शेखर सिंह ने उस समय जिला आपूर्ति अधिकारी को जांच का आदेश दिया था। इसके बाद तहसील अनाज आपूर्ति अधिकारी ने जांच कर प्राथमिक रिपोर्ट आपूर्ति कार्यालय को सौंपी।
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इधर आदिवासी विकास विभागा ने स्वतंत्र जांच शुरू की। इसमें कुछ राइसमिल के संचालक दोषी पाए गए थे। इसके बाद यह मामला ठंडे बस्ते में था। ऐसे में बुधवार को विधान परिषद में विधायक परिणय फुके ने धान पिसाई का मामला उपस्थित किया।
कुछ लोगों ने जानबुझकर राइस मिल के नाम गैरव्यवहार में शामिल कर फिरौती की मांग की है। कम बैंक गैरंटी पर धान की पिसाई करने का आरोप है। इस मामले संदर्भ में ऑडियो क्लीप उनके पास होने का दावा करने से धान पिसाई मामले में फंगे लोगों में खलबली मच गयी है। वहीं राज्य सरकार की कार्रवाई की ओर जिलावासियों का ध्यान लगा हुआ है।