अहेरी पंचायत समिति (सौजन्य-नवभारत)
Gadchiroli News: केंद्र व राज्य सरकार ने आम नागरिकों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए अनेक प्रकार की कल्याणकारी योजनाएं शुरू कर रखी है। इन योजनाओं पर प्रति वर्ष करोड़ों रुपयों की निधि भी खर्च की जा रही हैं। लेकिन यह योजनाएं लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार के पास पर्याप्त अधिकारी व कर्मचारी नहीं होने से सरकार अपने उद्देश्य से भटकता नजर आ रहा है। ऐसा एक उदाहरण अहेरी तहसील में देखने को मिल रहा है।
ग्रामीण स्तर पर सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका ग्रामसेवक और पटवारी निभाते है। लेकिन इन दोनों संवर्ग के दर्जनों पद रिक्त होने से एक ही कर्मचारी को 5 से अधिक गांवों का प्रभार संभालना पड़ रहा है। जिसमें गांव के लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ समय पर नहीं मिल रहा है। सरकारी रिकार्ड के अनुसार, अहेरी तहसील में कुल 39 ग्राम पंचायत कार्यालय है।
इन सभी कार्यालयों में पृथक ग्रामसेवक होने की आवश्यकता है। लेकिन इन ग्रापं का कामकाज केवल 23 ग्रामसेवकों द्वारा काम संभाला जा रहा है। वर्षों से तहसील में ग्राम सेवकों के 16 पद रिक्त पड़े हुए है। ऐसी स्थिति में जिला और तहसील प्रशासन को एक ही ग्रामसेवक पर 3 से अधिक ग्रापं का कार्य सौंपा जा रहा है। जिससे गांव का विकास अधर में पड़ा हुआ है। उधर गांवों में पटवारी भी विभिन्न कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
तहसीलभर में पटवारी के कुल 37 पद मंजूर किये गये है। इनमें से 17 पदों पर ही पटवारी कार्यरत है। कुल 20 पद रिक्त होने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। उल्लेखनीय यह है कि किसी भी प्रकार की आपदा के बाद पटवारी के माध्यम से नुकसान का पंचनामा किया जाता है। लेकिन पटवारी संवर्ग के 20 पद रिक्त होने से नुकसान होने के बाद भी संबंधित लाभार्थियों को महीनों तक वित्तीय मदद नहीं मिल पाती है।
जिला परिषद का सिंचाई विभाग भी प्रभारी अधिकारियों के भरोसे चल रहा है। सिंचाई विभाग में कुल 5 शाखा अभियंता के पद निर्माण किये गये है। लेकिन इनमें से यहां केवल 1 ही शाखा अभियंता कार्यरत है। सिंचाई विभाग में रिक्त पदों का अंबार होने से गांव में जलसंकट की स्थिति निर्माण होने के बाद भी यह विभाग समस्या के निवारण में असमर्थ साबित हो रहा है। वहीं किसानों को भी सिंचाई के अभाव में नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
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तहसील के विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों के संदर्भ में स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा भी कोई प्रयास नहीं किये जा रहे हैं। जिससे लोगों को योजनाओं के लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है। 16 ग्राम पंचायत कार्यालयों में ग्रामसेवकों के पद रिक्त होकर यहां प्रभारी ग्रामसेवक जिम्मेदारी संभाल रहे है। कई दफां प्रभारी ग्रामसेवक मौजूद नहीं होने से गांव के किसानों व विद्यार्थियों को अनेक प्रकार के प्रमाण पत्रों से भी वंचित रहना पड़ रहा है।