चंद्रशेकर बावनकुले और रेत खनन साइट की तस्वीर (ब्यूरो)
गड़चिरोली: जिले की वैनगंगा और अन्य नदियों के रेत घाटों से अवैध रूप से रेत की तस्करी की जा रही है। इस कारण राज्य सरकार को लगभग 100 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान हुआ है, ऐसा गंभीर आरोप गड़चिरोली विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक डॉ. देवराव होली ने लगाया है। जिससे रेत तस्करों पर ‘मोक्का’ के तहत कार्रवाई करने की मांग भी उन्होंने की है।
पूर्व विधायक डॉ. होली ने बताया कि वाघोली समेत अन्य रेत घाटों से पोकलेन तथा जेसीबी मशीनों की मदद से पर्यावरण के सभी नियमों को ताक पर रखकर बड़े पैमाने पर रेत का उत्खनन किया जा रही है। यह रेत चंद्रपुर, नागपुर और पड़ोसी राज्य तेलंगाना में भेजी जा रही है। इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी तथा तहसीलदार को सूचित किया था, लेकिन कार्रवाई नहीं होने के चलते राज्य को करोड़ों का नुकसान हुआ है।
डॉ. होली ने कहा कि नदी की रेत जनता के हित के लिए होती है, लेकिन कुछ तस्कर नियमों की अनदेखी कर भारी मात्रा में रेत निकाल रहे हैं। इस पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए। डॉ. होली भाजपा के पूर्व विधायक हैं, और वर्तमान में महाराष्ट्र में भाजपा सत्ता में है। ऐसे में राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के समक्ष अब यह सवाल खड़ा हो गया है कि वे रेत तस्करों पर क्या कार्रवाई करते हैं।
आरमोरी, गड़चिरोली और चामोर्शी तहसील में रेत की तस्करी जोरों पर है। आरमोरी तहसील के डोंगरसावंगी, गड़चिरोली तहसील के आंबेशिवणी तथा चामोर्शी तहसील के वाघोली और वैनगंगा के अन्य घाटों से बड़े पैमाने पर अवैध रूप से रेत की खुदाई कर उसका परिवहन किया जा रहा है। यह रेत ऊंचे दामों पर बेची जा रही है, जिससे आम लोगों की जेब पर बोझ पड़ रहा है। प्रशासन की लापरवाही के कारण लोगों में रोष व्याप्त है।
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तहसील के गोगांव (अडपल्ली) में हाल ही में रेतीघाट मंजूर हुआ है। यहां रेती का उत्खनन कर ट्रकों द्वारा रेत की यातायात शुरू है। रेत की यातायात करने वाले ट्रक कठाणी नदी के पास धर्मकाटे पर रुककर रेत का प्रमाण नापते है। यहां दिनभर सैकड़ों ट्रकों की गिनती होती है। जिससे गड़चिरोली-आरमोरी राष्ट्रीय महामार्ग पर की यातायात अनेक बार ठप्प हो रही है। जिससे वाहनधारकों को व्यापक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस ओर ध्यान देन की मांग भी नागरिकों द्वारा की जा रही है।