जंगली हाथियों का झुंड ( pic credit- social media)
गडचिरोली: जिले में सबसे बडे सीजन के रूप में पहचाने जानेवाले तेंदूपत्ता को इक्ठ्ठा करने की शुरूआत हो गयी है। जिससे तेंदूपत्ता संकलन करने के लिये बडे पैमाने पर मजदूर वर्ग जंगल में जा रहे है। लेकिन जंगल में जंगली हाथियों का दो झुंड विचरण करने के कारण तेंदूपत्ता व्यवसाय पर खतरा मंडराने की बात कही गई है।
मजदूर और किसानों में डर का महौल
रात के समय खेत परिसर में उत्पात मचाने के बाद दिन में जंगली हाथी जंगल की ओर रवाना होते है। जिससे तेंदूपत्ता मजदूरों समेत किसानों में डर का महौल है। जिले की आरमोरी तहसील के वासला जंगल परिसर में हाथियों का झुंड चामोर्शी जंगल मार्ग से हाते हुए वैरागड, सालमारा जंगल परिसर में गये है। वर्तमान स्थिति में जंगल में हरयाली होने के कारण जंगल में वनविभाग के ड्रोन कैमेरे में भी हाथियों का लोकेशन नहीं मिल रहा है।
जंगल में मजदूरों को न जाने की अपिल
तेंदूपत्ता संकलन की शुरूआत होने से ग्रामीण परिसर के नागरिक तेंदूपत्ता इकठ्ठा करने के लिये जंगल में जा रहे है। लेकिन जंगली हाथियों के विचरण के कारण तेंदूपत्ता मजदूरों पर खतरा मंडरा रहा है। जिससे तेंदूपत्ता संकलन करने के लिये जंगल में जाए या न जाए? ऐसा सवाल मजदूरों के सामने निर्माण हो गया है। इधर वनविभाग भी जंगली हाथियों के विचरण वाले जंगल में मजदूरों को न जाने की अपिल की गई है।
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जंगलों में हिंसक पशुओं के हमलों में वृध्दी
तेंदूपत्ता सीजन शुरू होते ही कुरखेडा, कोरची तहसील के जंगलों में हिंसक पशुओं के हमले में वृध्दी हो गयी है। इन दोनों तहसीलों में पिछले कुछ दिनों में तेंदूपत्ता संकलन करनेवाले चार मजदूरों पर हमला गंभीर रूप से घायल किया है। जंगल में तेंदूआ, वाघ, भालु, जंगली सुअर समेत जंगली हाथियों का विचरण बढने के कारण तेंदूपत्ता सीजन संकट में पड गया है।