मुंबई: बीजेपी के नेता और राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल (Radhakrishna Vikhe Patil) को उनके गृह जिले अहमदनगर (Ahmednagar) में उनकी ही पार्टी के पदाधिकारियों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। अहमदनगर में राधाकृष्ण विखे पाटिल के प्रभुत्व वाली गणेशनगर सहकारी चीनी मिल का चुनाव (Ganeshnagar Cooperative Sugar Mill Elections) उनके लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है। विखे के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बीजेपी की पूर्व विधायक स्नेहलता कोल्हे गुट ने कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात (Balasaheb Thorat) से हाथ मिला लिया है।
सहकारी चीनी मिल के चुनाव में एक बार फिर बीजेपी की अंदरूनी कलह खुल कर सामने आ गई है। इससे चुनाव में अब विखे की प्रतिष्ठा दांव पर है। पूर्व कांग्रेसी विखे को पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात ने चुनौती दी है। इसके अलावा, कोपरगांव की पूर्व भाजपा विधायक स्नेहलता कोल्हे गुट ने विखे के खिलाफ थोरात को समर्थन देने का फैसला किया है।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले अहमदनगर जिले में बीजेपी विधायक राम शिंदे और विखे पाटिल के बीच पार्टी के अंदरुनी विवाद सामने आया था। अब एक बार फिर सहकारी चीनी मिल के चुनाव में टकराव होने वाला है। हालांकि राजस्व मंत्री विखे पाटिल ने कहा कि यह एक अनैसर्गिक गठबंधन है। कारखाने के सदस्य उन्हें जवाब देंगे।
अहमदनगर जिले में विखे पाटिल और बालासाहेब थोरात इन दोनों कद्दावर नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई आम है। विखे की तरफ एकतरफा नजर आने वाले गणेश चीनी मिल चुनाव कोल्हे गुट की वजह से थोरात के पक्ष में जा सकता है। कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात का दावा है कि जब शंकराव कोल्हे साथ थे तब क्षेत्र के किसानों और कारखाने का विकास हुआ। विखे पाटिल के खिलाफ बीजेपी में मोर्चा बंदी का लाभ थोरात गुट को मिल सकता है।