शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे के विरोध में प्रदर्शन करते किसान (सोर्स: सोशल मीडिया)
छत्रपति संभाजीनगर: महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के विभिन्न जिलों में किसान मंगलवार को प्रस्तावित नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे के खिलाफ सड़कों पर उतरे। किसानों ने इस हाईवे का विराेध किया और अपनी जमीन न देने की बात कही। किसानों ने परियोजना के लिए भूमि सर्वेक्षण का विरोध करते हुए मंगलवार को सड़कों पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने चक्काजाम किया। प्रदर्शनकारी किसानों ने 802 किलोमीटर लंबी ‘ग्रीनफील्ड’ और छह-लेन की इस परियोजना के लिए अपनी उपजाऊ भूमि के अधिग्रहण पर चिंता जताई।
नांदेड़ जिले के अर्धपुर तालुका के मालेगांव में किसानों ने एक सड़क पर धरना दिया और अपनी जमीन नहीं देने की कसम खाई। बीड और धाराशिव जिलों के कुछ हिस्सों में भी इस परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन किए गए। वहीं सांगली में भी किसानों और स्थानीय लोगों ने चक्काजाम कर इस हाईवे का विराेध किया।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि मैं इस परियोजना का विरोध कर रहा हूं क्योंकि मेरे बगीचे का अधिग्रहण कर लिया जाएगा और मैं भूमिहीन हो जाऊंगा। एक अन्य किसान ने कहा कि भूमि अधिग्रहण किए जाने पर मिलने वाला मुआवजा बहुत ज्यादा दिन तक नहीं टिकेगा।
Sangli, Maharashtra: Farmers and locals staged a major road blockade in Sangli to protest against the proposed Shaktipith Highway. Protesters claimed the highway would take away their land and impact thousands of farmers. They demanded immediate cancellation of the project pic.twitter.com/uXaqZskVua
— IANS (@ians_india) July 1, 2025
किसान ने कहा कि मेरे पास दो एकड़ जमीन है, जिसे एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए अधिग्रहित कर लिया जाएगा। मुआवजे का क्या फ़ायदा? यह हमेशा के लिए नहीं रहेगा। एक किसान के तौर पर मैं जमीन पर ही निर्भर हूं।
नांदेड़ सांसद और कांग्रेस नेता रवींद्र वसंतराव चव्हाण ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि सरकार ने शक्तिपीठ परियोजना के लिए सर्वेक्षण करते समय किसानों को नजरअंदाज किया है। हम सर्वेक्षण का विरोध करेंगे। किसानों ने इस परियोजना के खिलाफ हिंगोली जिले के नांदेड़-वाशिम मार्ग पर धरना दिया, जिससे कुछ देर के लिए वहां यातायात बाधित हो गया।
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल द्वारा 24 जून को परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण को मंजूरी दिए जाने के बाद इसके खिलाफ प्रदर्शन पुन: शुरू हो गए। यह सड़क मध्य और पश्चिमी महाराष्ट्र को गोवा से जोड़ेगी।
एक अधिकारी ने बताया कि नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे पूर्वी महाराष्ट्र के वर्धा जिले के पवनार से शुरू होकर महाराष्ट्र-गोवा सीमा पर सिंधुदुर्ग के पात्रादेवी तक जाने वाला यह एक्सप्रेसवे 12 जिलों से होकर गुजरेगा। यह एक्सप्रेसवे मराठवाड़ा क्षेत्र में नांदेड़, हिंगोली, परभणी, बीड, लातूर और धाराशिव जिलों से गुजरेगा।
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शक्तिपीठों या महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थलों के नाम पर बनाए जा रहे इस एक्सप्रेसवे का उद्देश्य धार्मिक स्थलों तक संपर्क में सुधार लाना तथा क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना है। नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे 18 प्रमुख तीर्थ स्थलों को जोड़ेगा, जिनमें माहुर में रेणुका देवी, तुलजापुर में तुलजा भवानी, कोल्हापुर में महालक्ष्मी और गोवा में पात्रादेवी शामिल हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)