शक्तिपीठ हाइवे के विरोध में किसानों ने किया प्रदर्शन (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के महत्वाकांक्षी शक्तिपीठ महामार्ग पर राज्य की राजनीति गरमाने लगी है। राज्य के 12 जिलों के किसान शक्तिपीठ का विरोध कर रहे हैं। किसानों ने आंदोलन का शस्त्र उठा लिया है। विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (MVA) भी किसानों के साथ खड़ा है लेकिन जिले में दूसरी तरफ सरकार शक्ति पीठ महामार्ग के निर्माण की नीति पर डटी हुई है।
राज्य के किसान प्रस्तावित नागपुर-गोवा शक्तिपीठ राजमार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। इसके लिए कई किसान सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन भी कर रहे हैं। मुंबई में चल रहे महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट सत्र की पृष्ठभूमि में सांगली और कोल्हापुर सहित 12 जिलों के किसानों ने बुधवार आजाद मैदान में एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन किया।
इस मौके पर विधान परिषद में विपक्ष के नेता एवं शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे, कांग्रेस विधायक सतेज पाटिल तथा एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक जयंत पाटिल ने मुलाकात की। इसके बाद अंबादास दानवे ने विधान परिषद में विशेष उल्लेख के तौर पर शक्तिपीठ हाईवे का मुद्दा उठाया।
अंबादास दानवे ने कहा कि मुख्यमंत्री रहने के दौरान एकनाथ शिंदे ने घोषणा की थी कि वे इस महामार्ग को बनाने की अनुमति नहीं देंगे। इसलिए मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। इसी तरह कांग्रेस विधायक सतेज पाटिल ने मांग की कि मुख्यमंत्री को आजाद मैदान में एकत्रित किसानों को बैठक के लिए आमंत्रित करना चाहिए।
सतेज पाटिल ने कहा कि शक्तिपीठ राजमार्ग नागपुर को रत्नागिरी से जोड़ सकता है, लेकिन वह सड़क पहले से मौजूद है। दूसरी ओर, सोलापुर और सांगोला के लोगों ने शक्तिपीठ राजमार्ग के लिए रास्ता दे दिया है। इसलिए, सरकार को अब सोलापुर और कोल्हापुर के किसानों के प्रति कुछ हद तक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इन दोनों नेताओं को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का रुख शक्तिपीठ तक महामार्ग बनाने की है, न कि उसे थोपने की। जब मैं कोल्हापुर गया तो वहां के किसान सतेज पाटिल और हसन मुश्रीफ के साथ कोल्हापुर हवाई अड्डे पर मेरा इंतजार कर रहे थे।
सीएम फडणवीस ने सदन को बताया कि किसान इस राजमार्ग का विरोध कर रहे हैं और उन्होंने मुझे अपने हस्ताक्षरों का एक बयान दिया है। फडणवीस ने कहा कि हालांकि कुछ किसान इस हाईवे का विरोध कर रहे हैं, लेकिन शक्तिपीठ हाईवे मराठवाड़ा के 5 जिलों की तस्वीर बदल देगा।
यह कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि किसान यही रास्ता चाहते हैं। लेकिन जिस तरह समृद्धि हाईवे ने 12 जिलों में जीवन बदल दिया, उसी तरह शक्तिपीठ हाईवे भी जीवन बदल देगा। आज हुए मार्च की तरह ही, मार्ग प्रशस्त करने के लिए तीन गुना अधिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
महाराष्ट्र की अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
जिन गांवों में बैठकें आयोजित की गई, वहां के किसानों को भुगतान कर दिया गया है। किसानों को जमीन की कीमत से पांच गुना अधिक कीमत दी गई है। इसलिए विपक्ष को भी इस महामार्ग को बनाने में मदद करनी चाहिए।