मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: गुड़ी पड़वा के उपलक्ष्य में राज्य की महायुति सरकार ने राज्य की आम जनता को बड़ा गिफ्ट दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली राज्य सरकार ने बिजली की दरों में कटौती का बड़ा निर्णय लिया है। बिजली की कीमतें कम करने के फैसले से राज्य की जनता का बिजली बिल में भारी राहत मिल जाएगी। महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग ने शनिवार की देर रात के बाद से नए टैरिफ की घोषणा की है। सरकार के नए निर्णय के अनुसार, राज्य के लगभग 1.5 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं को अगले पांच वर्षों तक सस्ती दरों पर बिजली मिलेगी।
महाराष्ट्र में बिजली का भारी बिल लोगों की कमर तोड़ रहा है। मौजूदा दरों के हिसाब से लोगों का बिजली बिल हजारों रुपए आता है। उस पर बिजली कंपनियां सिक्योरिटी डिपॉजिट के नाम पर उपभोक्ताओं से अलग से पैसा वसूलती हैं। गर्मियों के मौसम में खपत बढ़ने की वजह से एक निर्धारित यूनिट से अधिक बिजली खर्च होती है। नतीजतन बिजली दर का स्लैब बदल जाता है।
परिणामस्वरूप बिजली के बिल में और अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिलती है। बिजली के बढ़े बिल के कारण गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों का बजट बिगड़ जाता है। आम जनता की इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए फडणवीस सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
आम तौर पर महाराष्ट्र में हर साल औसतन 9 प्रतिशत की दर से बिजली की कीमतें बढ़ती हैं। लेकिन महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (एमएसईडीसीएल) ने पहली बार विद्युत दरों में कटौती का प्रस्ताव रखा था। बिजली की कीमतों को कम करने के मकसद से सरकार ने भी इसे सहमति दे दी है।
सरकार से सहमति मिलने के बाद महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग ने शनिवार की देर रात को नये टैरिफ की घोषणा की है। बिजली की नई दरें 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगी। बिजली दरों में कमी से खासकर घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। लेकिन उद्योग जगत को भी इसका लाभ मिलेगा।
उपभोक्ताओं पर वित्तीय बोझ कम करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहते हुए टाटा पावर अपने 8 लाख आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को अधिक किफायती और टिकाऊ बिजली उपलब्ध कराने के लिए नई, एमईआरसी-अनुमोदित टैरिफ संरचना को लागू करने का निर्णय लिया है।
टाटा पावर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग (एमईआरसी) द्वारा वित्त वर्ष 2025-26 से वित्त वर्ष 2029-30 के लिए बहुवर्षीय टैरिफ (एमवाईटी) प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद, शहर के उपनगरीय क्षेत्र में 0-100 किलोवाट घंटा और 100-300 किलोवाट घंटा श्रेणी में टाटा पावर का टैरिफ कम बना हुआ है।
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टाटा पावर का औसत टैरिफ मौजूदा 9.17 रुपए प्रति किलोवाट घंटा से धीरे-धीरे घटाकर वित्त वर्ष 2029-30 में 6.63 रुपए प्रति किलोवाट घंटा कर दिया गया है, जो पांच वर्षों में 28% की कटौती दर्शाता है। टाटा पावर का दावा है कि कंपनी का औसत टैरिफ राज्य के अन्य वितरण लाइसेंसधारियों के औसत टैरिफ से काफी कम हो गया है।