डिप्टी CM एकनाथ शिंदे (pic credit; social media)
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में थ्री लेंग्वेज पॉलिसी के आदेश को वापस ले लिया है। इस पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हमने दोनों जीआर को रद्द किया है, समिति के अध्यक्ष डॉ नरेंद्र यादव पूरा अध्ययन करेंगे और अपनी रिपोर्ट देंगे।
शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा, जो आज आरोप लगा रहे हैं, वो जब मुख्यमंत्री थे तब डॉ माशेलकर की रिपोर्ट मराठी, अंग्रेजी और हिंदी को अनिवार्य किया गया था। जब वे मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने इसे मंजूरी दी थी। सरकार में रहते हुए वे एक भूमिका निभाते हैं, जब वे सरकार से बाहर रहते हैं तो वे दूसरी भूमिका निभाते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन हमारी सरकार ने कभी दोगली राजनीति नहीं की है। महायुति सरकार ऐसा कभी नहीं करेगी।
शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने किया बदलाव
डिप्टी CM एकनाथ शिंदे ने आगे कहा, हमारे शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने कई लोगों से बात की है। जिन्होंने इस निर्णय पर आपत्ति जताई थी, कई लोगों ने कुछ सुझाव दिए थे, उनसे भी बातचीत की थी। हिंदुत्व सम्राट बाला साहेब ठाकरे ने मराठी अस्मिता के लिए शिवसेना की शुरुआत की और इसलिए मराठी अनिवार्य की थी। लेकिन हिंदी अनिवार्य नहीं थी। आज जो राजनीति चुनाव को सामने रखकर जिसने की उनका असली चेहरा जनता के सामने आ चुका है, जब वे मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने डॉ. माशेलकर की समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दी और जब वे मुख्यमंत्री नहीं है विपक्ष में हैं।
महायुति ने मराठी को किया अनिवार्य
डिप्टी सीएम ने ये भी कहा, वे हमारी सरकार को बदनाम करते हैं। हिंदी भाषा को बढ़ावा देने का काम बिल्कुल नहीं किया गया। हमारी महायुति सरकार ने मराठी को अनिवार्य कर दिया है। मराठी भाषा को अभिजात्य भाषा का दर्जा दिया गया है। अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के साथ-साथ अन्य माध्यम के स्कूलों में भी मराठी को अनिवार्य कर दिया। यह काम हमारी महायुति सरकार ने किया है।
विवाद खत्म करने के लिए लिया फैसला
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, मराठी की बात करने वाले लोग जानते हैं कि मराठी मानुस मुंबई से बाहर क्यों गया, इसके लिए कौन जिम्मेदार है। बाहर जाने के लिए मजबूर किया, हमारी सरकार वापस मुंबई लाने का काम कर रही है। आज हमारी सरकार ने इस विवाद को समाप्त करने के लिए इस निर्णय को स्थगित कर दिया है। ये कमेटी एक एक्सपर्ट कमेटी है, डॉ नरेंद्र यादव की अध्यक्षता में होगी। इन छात्रों के हित को देखते हुए, उन्हें आगे कोई समस्या शैक्षणिक क्षेत्र में न हो, इसको ध्यान में रखते हुए एक रिपोर्ट तैयार करेगी।