कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स- सोशल मीडिया)
Maharashtra Politics: गणेशोत्सव का उत्साह पूरे राज्य में दिखाई दे रहा है। राज्य के हर घर में गणेश जी का आगमन हो चुका है। रिश्तेदारों से लेकर दोस्तो तक गणपति बप्पा के दर्शन के लिए एक-दूसरे के घर जा रहे हैं। इस बीच बीते कल यानी बुधवार को मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के घर भी गणपति बप्पा का आगमन हुआ।
कई बड़े नेताओं ने राज ठाकरे के घर जाकर उनके घरेलू देवता के दर्शन किए। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे बुधवार को सपरिवार के साथ राज ठाकरे के घर गए। उद्धव ठाकरे दो दशक बाद राज ठाकरे के घर गए। लेकिन इसके बाद जो कुछ हुआ वह हैरान करने वाला था।
उद्धव ठाकरे के राज ठाकरे के घर जाने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस राज ठाकरे के ‘शिवतीर्थ’ आवास पर पहुंचे। देवेंद्र फडणवीस ने राज ठाकरे के बप्पा के दर्शन किए। इसके बाद खबर आई कि सांसद संजय राउत भी राज ठाकरे के घर गए और बप्पा के दर्शन किए। लेकिन आज उद्धव ठाकरे की चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आई है।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को ठाकरे के घर में प्रवेश किया और बप्पा के दर्शन किए। जिसके बाद एकनाथ शिंदे ने प्रतिक्रिया भी दी। जिसने महाराष्ट्र की सियासत में नया सस्पेंस पैदा कर दिया है। आखिर एकनाथ शिंदे के मन में क्या है? या राज ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच क्या चर्चा हुई? इसे लेकर तरह-तरह के तर्क दिए जा रहे हैं।
📍मुंबई
🌺गणाध्यक्षाय धीमहि…🙏🏻
श्री राज ठाकरे यांच्या निवासस्थानी भेट देऊन श्री गणेशाचे दर्शन घेतले. pic.twitter.com/6dJW8Cjwdu
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) August 28, 2025
राज से मुलाकात के बाद शिंदे ने कहा कि हमारे बीच हुई बातचीत निजी ही रहने दो। उन्होंने उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोगों को अब अपना स्नेह याद आया है, लेकिन हमारा स्नेह तो पहले से था। इसलिए भोजन भी जल्द ही परोसा जाएगा।
महाराष्ट्र में निकाय चुनाव नजदीक आ रहे हैं। इन चुनावों की पृष्ठभूमि में राजनीतिक घटनाक्रम तेज़ हो गए हैं। मुंबई में ठाकरे का दबदबा है। लोकसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे ने महायुति को कड़ी टक्कर दी थी। इसके अलावा विधानसभा चुनाव में भी उद्धव ठाकरे के सबसे ज़्यादा विधायक मुंबई से जीते थे।
महायुति राज ठाकरे के साथ गठबंधन करने की कोशिश कर रही है ताकि आगामी मुंबई महानगरपालिका चुनाव में ठाकरे के वोट उनकी ओर मुड़ें। यही वजह है कि इस मुलाकात ने उद्धव ठाकरें की धड़कनें बढ़ा दी हैं।
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हालांकि, दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे भी राज ठाकरे के साथ गठबंधन करने की कोशिश कर रहे हैं। जिससे बीएमसी में दबदबा कायम रहे। अब देखना दिलचस्प होगा कि राज अंततः किधर रुख करते हैं।