उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे (सोर्स-सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में हर साल दशहरा रैली राजनीतिक उथल-पुथल का केंद्र बनती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र की राजनीति के दो बड़े चेहरे आज दो अलग-अलग जगहों पर रैलियों में अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते नजर आए। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आजाद मैदान में जोरदार गरजते नजर आए, वहीं दूसरी तरफ शिवसेना यूबीटी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शिवाजी पार्क में अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरते नजर आए।
शिंदे आजाद मैदान से हाथ में तीर-कमान थामकर कहा कि हमने बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों को धोखा देने वालों से शिवसेना को मुक्त कराया है। इसके आगे उन्होंने कहा कि मैंने धारावी के सभी 2.10 लाख लोगों को पुनर्वासित किये जाने की योजना में शामिल किया है।
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सीएम शिंदे ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में एमवीए की सफलता स्थायी नहीं है। शिवसेना ने लोकसभा चुनाव में शिवसेना (यूबीटी) के खिलाफ सीधी टक्कर में 7 सीटें जीतीं है। जिससे पता चलता है कि हम ही असली शिवसेना हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना (यूबीटी) और एआईएमआईएम के बीच कोई अंतर नहीं है।
मुंबई के शिवाजी पार्क में पार्टी की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, “महायुति सरकार ने केवल वोट के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति बनाई और वह मूर्ति गिर गई, लेकिन मैं आपसे कहना चाहता हूं और आपसे वादा करता हूं कि जब हम सत्ता में आएंगे, तो हम महाराष्ट्र के हर जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज का मंदिर बनाएंगे।
उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज उनके लिए वोट बैंक हैं, लेकिन हमारे लिए वे भगवान हैं। वे (महायुति) कह रहे हैं कि हिंदुत्व को बचाने के लिए एक साथ आओ, पिछले 10 सालों में आपने या मोदी ने हिंदुत्व को क्यों नहीं बचाया?” दशहरा रैली के मंच से उद्धव ने सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधा।
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अपने आक्रामक भाषण के दौरान उद्धव ने कहा कि आरएसएस को आज की ‘हाइब्रिड’ भाजपा पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और आत्मचिंतन करना चाहिए कि क्या वह अभी भी इससे सहमत है। उन्होंने कहा, “भाजपा कौरवों की तरह है, जिसमें अहंकार की बू आती है। मैंने भाजपा से नाता तोड़ लिया क्योंकि मैं इसके हिंदुत्व के स्वरूप में विश्वास नहीं करता।