सीएम फडणवीस, एकनाथ शिंदे (pic credit; social media)
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में ऐसा लगता है कि फडणवीस सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। हालांकि इसके कयास दिसंबर से ही लगाए जा रहे हैं, जब से नई सरकार का शपथग्रहण हुआ था। एकनाथ शिंदे जो अब राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं, वह नाराज चल रहे हैं। हालांकि कई बार उन्होंने मीडिया के सामने नाराजगी की खबरों का खंडन किया है।
मंगलवार को फड़नवीस सरकार की कैबिनेट बैठक थी और उसमें एकनाथ शिंदे नहीं पहुंचे। हालांकि शिंदे महाराष्ट्र में नहीं है और जम्मू कश्मीर में हैं।लेकिन चर्चाओं का दौरा तब शुरू हुआ जब उनके करीबी मंत्री भारत गोगवाले भी इस बैठक में नहीं पहुंचे। माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे फड़नवीस सरकार में खुद को नजरअंदाज महसूस कर रहे हैं और नाराज चल रहे हैं। ऐसे में एक बड़ा सवाल लेकर शुरू हो गया कि क्या महाराष्ट्र में फिर से कुछ बड़ा खेला होने वाला है?
हालांकि देखा जाए तो शिंदे के पास अधिक विकल्प भी नहीं है। भारत गोगवाले को लेकर मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि वह रायगढ़ जिले का प्रभारी मंत्री न बनाए जाने से नाराज है। उनकी नाराजगी तब और अधिक बढ़ गई जब प्रभारी मंत्री के लिए अदिति तटकरे का नाम चल रहा है, जो अजित पवार की एनसीपी की विधायक और मंत्री भी हैं। एकनाथ शिंदे और उनके विधायकों का मानना है कि फडणवीस सरकार में एनसीपी को अधिक तवज्जो मिल रही है।
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कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि एकनाथ शिंदे को मंगलवार को मुंबई में होना था और कैबिनेट मीटिंग में हिस्सा लेना था। लेकिन वह नहीं आए। ऐसे में चर्चा तेज हो गई कि क्या एकनाथ शिंदे अब विरोध पर उतर आए हैं? वहीं शिवसेना रायगढ़ जिले के प्रभारी मंत्री के लिए अदिति तटकरे के नाम का विरोध कर रही है। अभी नाम की घोषणा तो नहीं हुई है लेकिन यह भी तय नहीं है कि यह पद भारत गोगवाले को मिलेगा या नहीं।
कुछ दिन पहले ही एकनाथ शिंदे ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इस दौरान उनका पूरा परिवार मौजूद था। वहीं शिंदे ने गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी।