E-Ticket की कालाबाजारी करने वाला आरोपी गिरफ्तार (सोर्स: सोशल मीडिया)
धुले: लंबी दूरी की ट्रेनों में रेगुलर और तत्काल टिकट के नाम पर दलालों का फर्जीवाड़ा जारी है। रेलवे के विजिलेंस विभाग द्वारा नकेल कसे जाने के बावजूद टिकट दलाल दूसरे राज्यों के पीआरएस से तत्काल टिकट निकाल कर यात्रियों को न सिर्फ कई गुना ज्यादा दामों में बेच रहे हैं, बल्कि उन टिकटों की हूबहू प्रिंट कॉपी यात्रियों को थमा दे रहे हैं।
आरपीएफ की एक टीम ने धुले के अवैध रूप से रेलवे ई-टिकटों की कालाबाजारी कर रहे एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। संदिग्ध के पास से कुल 12 लाख 53 हजार 860 रुपये मूल्य के 299 ई-टिकट जब्त किए गए हैं और उसके खिलाफ रेलवे अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
रेलवे साइबर सेल पुणे से प्राप्त इनपुट के आधार पर, यह पाया गया कि धुले शहर का एक यूजर आईडी ‘सयाजी_1’ कथित रूप से रेलवे आरक्षण टिकटों की अनधिकृत बुकिंग और कालाबाजारी में शामिल था। इसके बाद, वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त भुसावल के आदेश पर, आरपीएफ इंस्पेक्टर के नेतृत्व में एक टीम ने धुलिया पुलिस के साथ छापेमारी की।
छापेमारी के दौरान, राजेंद्र सयाजी गंगुर्डे (38) को पकड़ा गया। उसके मोबाइल की जांच करने पर आगामी यात्राओं के 19 टिकट और समाप्त हो चुकी यात्राओं के 280 टिकट मिले, जिनकी कुल कीमत 12 लाख 53 हजार रुपये है। ये टिकट उसके मोबाइल का उपयोग बिना किसी आइआरसीटी एजेंट लाइसेंस के किया गया था।
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पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना अपराध कबूल कर लिया। पुलिस ने सभी टिकटों के साथ मोबाइल फोन और दो सिम कार्ड जब्त कर लिए हैं। संदिग्ध के खिलाफ रेलवे अधिनियम, 1989 की धारा 143 के तहत आरपीएफ चालीसगांव थाने में मामला दर्ज किया गया है।
बता दें कि पिछले दिनों मध्य रेल की सतर्कता टीम द्वारा लगातार जांच कर फेक टिकट पर यात्रा कर रहे यात्रियों और दलालों पर कार्रवाई की गई है। बताया गया कि मुंबई के बाहर से तत्काल टिकट जारी कर मुंबई में इसी कंफर्म टिकट के पीएनआर को फेक स्टेशनरी पर प्रिंट कर यात्रियों को महंगे दामों पर बेचा जा रहा है।