(फोटो सोर्स सोशल मीडिया)
मुंबई : किसानों का माल बाजार में आने के बाद कृषि उत्पादों के दाम गिर जाते हैं और बाद में दाम बढ़ने के बाद किसानों को इसका कोई लाभ नहीं मिलता। इससे किसानों को काफी घाटा होता है। किसानों के सामने हर साल आने वाली इस समस्या को खत्म करने के लिए महायुति ने ‘भावांतर’ योजना की घोषणा की है। इससे बाजार में समर्थन मूल्य से कम कीमत होने के बाद भी किसानों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
साथ ही बाजार मूल्य और न्यूनतम समर्थन मूल्य के बीच का अंतर सरकार द्वारा सीधे किसानों के खाते में जमा किया जाएगा। महाराष्ट्र की बीजेपी नीत महायुति सरकार की इस घोषणा के प्रति किसानों ने संतुष्टि जाहिर की है। किसानों को भरोसा है कि पहली बार उन्हें अपने माल की कीमत की गारंटी मिलेगी।
राज्य में इन दिनों विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार चरम पर है। प्रचार और सभाओं में किसानों की समस्या भी छाई हुई हैं। इन सबके बीच उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अमरावती जिले की एक सभा के दौरान किसानों के लिए भावांतर योजना का जिक्र किया। फडणवीस ने बताया कि महायुति सरकार किसानों के लिए भावांतर योजना के साथ-साथ संपूर्ण ऋण माफी और कृषि पंपों को मुफ्त बिजली का भी आश्वासन दे रही है। सभा में उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कपास और सोयाबीन की कीमतें गिर गईं थी। इससे प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए भावांतर योजना लाई गई। इसमें किसानों को प्रति हेक्टेयर पांच हजार रुपए की सहायता दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि यदि आने वाले समय में किसानों को गारंटी मूल्य से कम कीमत मिलती है, तो अंतर राशि सीधे किसानों के खाते में जमा की जाएगी। इसके बाद भी फडणवीस ने अपनी बैठकों के जरिए भावांतर योजना की जानकारी दी।
महायुति को लोकसभा चुनाव में किसानों की नाराजगी का खामियाजा भुगतना पड़ा था। बीजेपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने पत्रकारों से कहा कि विधानसभा में भावांतर योजना जैसी घोषणाओं से किसान खुश हुए हैं। बीजेपी फिलहाल राज्य के ग्रामीण इलाकों में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान किसानों के मुद्दों पर फोकस कर रही है। इसी तरह बीजेपी किसान मोर्चा के महासचिव संदीप गिद्दे पाटिल ने कहा कि भावांतर योजना बाजार में किसानों से हो रही लूट को रोकेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि कृषि उपज को उचित मूल्य मिले और किसान बाजार की कीमतों में उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होंगे। राज्य कृषि मूल्य आयोग के अध्यक्ष पाशा पटेल ने कहा कि किसानों को हमेशा इस बात की चिंता रहती है कि उन्हें उनकी फसलों के लिए गारंटीशुदा कीमतें मिलेंगी या नहीं। पटेल ने विश्वास जताया कि भावांतर योजना से यह चिंता हमेशा के लिए दूर हो जाएगी।
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महायुति सरकार ने कुछ महीने पहले कपास और सोयाबीन उत्पादकों को बड़ी राहत देते हुए राज्य में ‘भावांतर’ योजना लागू की थी। इससे कपास और सोयाबीन किसानों को प्रति हेक्टेयर 5000 रुपये सीधे उनके बैंक खाते में मिले। इससे राज्य के लगभग 62 लाख किसानों को 2,700 करोड़ रुपये का लाभ दिया गया। वहीं बीजेपी द्वारा अपने घोषणापत्र में सोयाबीन के लिए 6,000 रुपए प्रति क्विंटल की दर की घोषणा से किसानों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। इससे कई किसानों ने सोयाबीन की बिक्री करीब एक महीने के लिए टाल दी है।