मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: शहरी नक्सलवाद पर लगाम कसने के लिए ‘महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक 2024’ विधानसभा के दोनों सदनों पास हो गया है। अब सरकार जबरन और धोखाधड़ी से धर्मांतरण के खिलाफ कड़े बड़ा कदम उठाने जा रही है। विधानसभा में बोलते हुए सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस ओर इशारा किया है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार जबरन या धोखे से किए जा रहे धर्मांतरण से संबंधित मामलों से निपटने के लिए कड़े प्रावधान लाने पर विचार कर रही है। इस संबंध में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने धर्म का पालन कर सकता है और अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन कर सकता है लेकिन अगर उन्हें मजबूर किया जाता है, धोखा दिया जाता है या किसी भी तरह का प्रलोभन दिया जाता है तो कानून इसकी अनुमति नहीं देता।
विधान परिषद में एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब देते हुए सीएम फडणवीस ने कहा कि सरकार ने ऐसे मामलों से निपटने के संबंध में सिफारिशें देने के लिए पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सीएम ने कहा कि सरकार रिपोर्ट का अध्ययन करेगी और आवश्यक बदलाव कर ऐसे प्रावधान लाएगी, जिससे बलपूर्वक या धोखे से धर्मांतरण पर लगाम लगे।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ऐसे मामलों में भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत कार्रवाई की जा सकती है। लेकिन राज्य सरकार ऐसे मामलों से निपटने के लिए कड़े प्रावधान लाने की मंशा रखती है और हम जल्द ही इस पर फैसला लेंगे। इससे पहले सोमवार को गृह राज्य मंत्री पंकज भोयर ने कहा था कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण विरोधी कानून लाया जाएगा और यह अन्य राज्यों के समान कानूनों से ज्यादा सख्त होगा।
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भाजपा नेता अमित गोरखे ने दावा किया कि ‘पहचान छिपाने वाले ईसाई’ धार्मिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर रहे हैं। लोग अनुसूचित जाति श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ उठाते हैं लेकिन दूसरे धर्मों को मानते हैं। उन्होंने कहा कि ऊपरी तौर पर ये लोग अनुसूचित जाति से होते हैं और सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ उठाते हैं, चुनावों के दौरान इसका इस्तेमाल करते हैं लेकिन गुप्त रूप से अलग धर्म का पालन करते हैं।
भाजपा नेता चित्रा वाघ ने बताया कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां पति ने अपना धर्म छिपाकर धोखे से शादी की। उन्होंने बताया कि सांगली में एक महिला की शादी ऐसे परिवार में कर दी गई, जो गुप्त रूप से ईसाई धर्म का पालन करता था।
विधान परिषद की निर्दलीय सदस्य चित्रा वाघ ने दावा किया कि महिला को प्रताड़ित किया गया और उसे अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर किया गया, जिस वजह से 7 महीने की गर्भवती महिला ने आत्महत्या कर ली।