मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में पूजा स्थलों पर लगे अवैध लाउडस्पीकरों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने के संकेत दिए हैं। महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान सीएम फडणवीस ने मंगलवार को अवैध लाउडस्पीकर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश सभी संबंधित अधिकारियों को दिया। मुख्यमंत्री फडणवीस ने विधानसभा में पूजा स्थलों पर लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध को लेकर बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पूजा स्थलों खासकर मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर के कारण रह रहकर महाराष्ट्र की राजनीति गरमाती रही है। महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान मंगलवार को विधायक देवयानी फरांदे एवं अतुल भातखलकर ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत पूजा स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर का मुद्दा उठाते हुए सरकार से पूछा कि क्या लाउडस्पीकर के खिलाफ सरकार कार्रवाई करेंगी?
इस पर मुख्यमंत्री एवं राज्य के गृह मंत्री के तौर पर फडणवीस ने इस संबंध में महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर के कहीं भी इस्तेमाल से पहले अनिवार्यत: अनुमति लेनी होगी। उसमें भी 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का इस्तेमाल प्रतिबंधित होगा। सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक भोंगा बजाया जा सकता है। लेकिन दिन में भोंगे की ध्वनि 55 डेसिबल तथा रात में 45 डेसिबल से अधिक नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूजा स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की एकमुश्त अनुमति नहीं दी जाएगी। यह एक निश्चित अवधि के लिए होगा। परमिट अवधि समाप्त होने पर आपको पुनः आवेदन करना होगा। जो लोग नियमों का उल्लंघन करेंगे उनके लाउडस्पीकर जब्त कर लिए जाएंगे और इसी के साथ उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि नियमों का उल्लंघन करने वालों को दोबारा अनुमति नहीं दी जाएगी।
सीएम फडणवीस ने कहा कि ध्वनि सीमा का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नियमों को लागू करने की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस की होगी। यदि कोई निर्धारित सीमा से अधिक डेसिबल पर लाउडस्पीकर कानून द्वारा बजाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई का अधिकार केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिया है।
तदनुसार, बोर्ड पुलिस को सूचित करना और बाद अदालत में मामला दायर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बोर्ड को आरोप पत्र भी दाखिल करना चाहिए, लेकिन ऐसा लगता है कि इस पर अमल नहीं हो रहा है। फडणवीस ने कहा कि नियमों का पालन हो रहा है या नहीं, यह देखना स्थानीय पुलिस इंस्पेक्टर की जिम्मेदारी है। उन्हें हर पूजा स्थल पर जाकर जांच करनी चाहिए कि वहां भोंगा बजाने की अनुमति ली गई है या नहीं।
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प्रत्येक पुलिस थाने में एक डेसिबल मीटर उपलब्ध कराया गया है। उन्हें ध्वनि का मापन करना चाहिए। यदि शोर सीमा से अधिक है, तो पहला कदम महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सूचित करना और कार्रवाई करना चाहिए। लेकिन यदि पुलिस निरीक्षक कार्रवाई नहीं करेंगे को उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।