मुंबई: वर्ष 2024-25 के लिए महाराष्ट्र विधानसभा की सभी समितियों का संयुक्त उद्घाटन सोमवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में मुंबई के विधान भवन में किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि विधायिका का कार्य असल में विधान सभा या विधान परिषद कक्षों में नहीं, बल्कि इन समितियों में संचालित होता है।
सभा में बोलते समय समय और विषय की बाध्यता होती है, अतः किसी विषय पर गहन चर्चा और मंथन करके उसकी दिशा निर्धारित करना संभव नहीं होता। इसलिए संसदीय लोकतंत्र में समिति प्रणाली शुरू की गई थी। इसी के साथ मुख्यमंत्री फडणवीस ने विश्वास दिलाया कि उद्घाटन की गई समितियों का काम जल्द ही शुरू हो जाएगा।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस अवसर पर कहा कि ये समितियां काम करती हैं। इसलिए इन्हें विधानसभा या विधान परिषद का दर्जा प्राप्त है, इसके जरिए इन समितियों को विशेष अधिकार प्राप्त होते हैं। विभाग को विधानमंडल में प्रस्तुत की जानेवाली इनकी रिपोर्टों पर कार्रवाई करनी पड़ती है। यही वजह है कि प्रत्येक समिति विधायिका का एक लघु रूप है। शासन और प्रशासन को समझने के लिए समितियों से बेहतर कोई प्रणाली नहीं है। इसके साथ ही प्रत्येक समिति की अपनी भूमिका है, कोई भी समिति छोटी या बड़ी नहीं है।
सीएम ने बताया समितियों का महत्व
समितियों का महत्व बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक लेखा समिति को महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह समिति संबंधित विभागों के सचिवों को बुलाती है और उनसे सीएजी की टिप्पणियों पर जवाब देने को कहती है। अंदाज समिति प्रत्येक विभाग द्वारा की गई मांगों और उनके द्वारा किए गए व्यय पर नजर रखती है तथा उनसे प्रश्न पूछती है। पंचायत राज समिति पंचायत राज संस्थाओं की निगरानी करती है। तो वहीं याचिका समिति के माध्यम से बड़े बदलाव लाना संभव है और ये सभी समितियां ‘प्रशासन पर अंकुश’ का काम करती हैं।
शक्तियों का दुरुपयोग गलत
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अंतरिम अवधि के दौरान अध्यक्षों और सदस्यों द्वारा अपनी शक्तियों के दुरुपयोग के कारण इन समितियों को भंग करने की मांग की गई थी। फिर सबने मिलकर इन समितियों को उचित समझकर अपना काम जारी रखने का निर्णय लिया। ये समितियां सरकार पर नजर रखते हुए आम आदमी को राहत प्रदान करने के लिए हैं। इसलिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि इनका दुरुपयोग न हो।
इस अवसर पर विधान परिषद के सभापति प्रो. राम शिंदे, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे, विधानसभा के उपाध्यक्ष अन्ना बनसोडे, मंत्री एड. आशीष जायसवाल और समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।
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