(चंद्रपुर न्यूज)
Warora Municipal Council Reservation: सोमवार को मुंबई में घोषित वरोरा नगर पालिका के नगराध्यक्ष का पद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित घोषित किया गया है। इस घोषणा के बाद साफ हो गया है कि अब शहर की कमान नारी शक्ति के हाथों में होगी। इससे महिलाओं में जहां खुशी की लहर है वहीं अनेक पुरुष उम्मीदवारों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
कई पुरुष निकाय चुनाव की तैयारी में जुटे थे। परिस्थिति को देखते हुए ओबीसी प्रवर्ग से आने वाले पुरुषों ने अपनी पत्नियों के लिए टिकट के प्रयास शुरु कर दिए है।
अध्यक्ष पद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित होने से जागरूक महिलाओं में उत्साह है। इस घोषणा के साथ ही शहर की जागरूक एवं सक्रिय महिलाओं के नाम भी सामने आने लगे हैं, जो नगर की कमान संभाल सकती है। जिसमें एक नाम समाजसेवी डॉ. रमेश राजूरकर की उच्च शिक्षित पत्नी डॉ. माया राजूरकर का लिया जा रहा है।
उन्होंने हिंदी और पॉलिटिकल साइंस में स्नाकोत्तर और पंडित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय से डाक्टरेट किया है। लंबे समय से नगर पालिका के चुनाव नही होने से नगर परिषद पर प्रशासक आसीन थे। जिससे वर्षो से विकास कार्य अटके पड़े है।
वैसे यह पहला अवसर नहीं है जब वरोरा की कमान नारीशक्ति के हाथों में होगी। वर्ष 1985 से 2021 के बीच अब तक 4 महिलाओं ने वरोरा नगराध्यक्ष का पद भार संभाला है। जिसमें 31 दिसंबर 1997 से 31 दिसंबर 1998 तक वंदना बरबटकर, 31 दिसंबर 2001 से 23 मार्च 2005 तक रेखा बोथले, 27 जून 2005 से 30 दिसंबर 2006 तक कुसुम जोगी और 15 जुलाई 2014 से 29 दिसंबर 2016 तक जनाबाई पिंपलशेंडे ने वरोरा नगराध्यक्ष का पदभार संभाला है।
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1985 से वर्ष 2021 तक कुल 19 नगराध्यक्ष (2 बार एसडीओ) ने प्रभार संभाला है। जिसमें 4 महिलाओं का समावेश है। 30 दिसंबर 2016 से 30 दिसंबर 2021 तक अहेतेशाम अली ने वरोरा नगराध्यक्ष की कमान संभाली है।
लगभग साढ़े चार वर्षों तक प्रशासक आसीन थे।आज आरक्षण की घोषणा के साथ ही अनेक ओबीसी महिलाओं ने चुनाव के लिए कमर कस ली है। अब देखना होगा की कौनसी पार्टी किसे अपना उम्मीदवार बनाती है। किंतु वर्षो बाद होने वाले चुनाव की काफी लोगों को प्रतीक्षा थी और इस बार के चुनाव काफी रोमांचक होने का अनुमान है।