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मूल. धूपकाले के दिनों में तेंदुपत्ता संकलन का कार्य जोर शोर से चलता है. जंगल से सटे ग्रामिण लोग तेंदुपत्ता संकलन कर परिवार का निर्वाह करते है. परंतु यही कार्य इन खेतमजदूरों के लिए जान के लिए आफत बनता जा रहा है. मूल से करिबन 8 किमी की दूरी पर मौजा भादुरना निवासी खेतमजदूर रविवार की सुबह तेंदुपत्ता संकलन कर जंगल से गांव की ओर लौट रहा था.
उसी दौरान सोमनाथ परिसर के भ्रमण कर रहे बाघ ने अचानक हमला कर दिया. जिसमें खेतमजदूर की मृत्यु हो गई. मृतक का नाम खुशाल गोविंदा सानुले 54 है. खुशाल के लापता की सूचना वनविभाग को देने पर उसे जंगल परिसर में तलाशा गया. दौरान जंगल में मानवी अवयव क्षतविक्षत अवस्था में पाया गया. शव की पृष्टी करने पर वह अवयव खुशाल के थे.
जानकारी के मुताबिक मूल तहसील से आठ किमी की दूरी पर मौजा भादुरना निवासी खेतमजदूर खुशाल गोविंदा सोनुले 54 यह तेंदुपत्ता संकलन करने के लिए समिपस्थ जंगल परिसर में गया. संकलन कार्य निपटने के पश्चात गांव की ओर लौटते समय सोमनाथ परिसर में भ्रमण कर रहे बाघ ने उसपर हमला कर दिया. इतना ही नही बाघ ने उसके अवयवों को क्षतविक्षत यहां_वहां डाला हुवा था. रात ढलने के बावजूद खुशाल घर नही लौटने पर परिवार के लोगों को चिंता होने लगी थी. इसकी सूचना गांववासीयों का देने पर गांववासीयों ने वनविभाग को खुशाल के बारे में सुचित किया.
वनविभाग अधिकारी, कर्मचारी व गांववासियों ने जंगल परिसर में जाकर तलाशा परंतु रात होने के कारण दूसरे दिन अर्थात सोमवार को पुन: वनपरिक्षेत्र अधिकारी जी आर नायगमकर, क्षेत्र सहायक पाकेवार, वनरक्षक वड्डे, पारडे, उईके समेत गावंवासीयों ने जंगल में घुमकर तलाशी ली. दौरान तलाशी में खुशाल में शव के क्षतविक्षत अवयव यहां वहां बिखरे पाए गए. उन अवयवों की पुष्टी करने पर वह अवयव खुशाल के शव के ही थे.
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस व गांववासी घटनास्थल की ओर दौडे. पुलिस निरिक्षक सतिशसिंह राजपूत ने सहयोगीयों के साथ घटनास्थल पहुचकर जांच की व शव को मूल के उपजिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इस समय वनविभाग के वनपरिक्षेत्र अधिकारी जी आर नायगमकर, क्षेत्र सहायक पाकेवार, तीन वनरक्षक समेत पूर्व सरपंच संतोष रेगुंडवार व अन्य ग्रामस्थ उपस्थित थे.
वनविभाग की ओर से वनपरिक्षेत्र अधिकारी जी. आर. नायगमकर ने मृतक के परिवार को तत्काल 25 हजार रूपए की आर्थीक सहायता दी. आगे की जांच वनपरिक्षेत्र अधिकारी कर्मचारीयों के सहयोग से कर रहे है. तो पुलिस विभाग की ओर से पुलिस निरीक्षक सतिशसिंह राजपूत के मार्गदर्शन में की जा रही है. पिछले 5 महीने पहले मौजा कोसंबी में खेत में कार्य कर रही ज्ञानेश्वरी वासुदेव मोहुर्ले पर वाघ ने हमला कर उसे मौत के घाट उतारा था.
तेंदुपत्ता संकलन जंगल परिसर के पास निवासीत लोगों का नगदी व्यवसाया है. कई लोगों के परिवार का निर्वाह इसपर निर्भर है. धूपकाले के दिनों में किसी भी प्रकार के मजदूरी कार्य उपलब्ध नही रहने से हर कोई ग्रामिण तेंदुपत्ता संकलन में जुट जाते है. तेंदुपत्ता संकलन का टेंडर निकाला जाता है. परंतु यह टेंडर लेनेवाले ठेकेदार मजदूरों की सूरक्षा की ओर अनदेखी करते है. जिसके कारण यह मानव_वन्यजीव संघर्ष निर्माण हो रहा है. इस ओर सरकार व संबंधित विभाग ने विशेष ध्यान देने की मांग की जा रही है.
[blockquote content=”पिछले बार मारोडा व कोसंबी में हुवी घटना के पश्चात परिसर में बाघों का ट्रैप करने के लिए कैमेरे लगाए थे. परंतु गांव के 50 से 60 लोग लाठीयां लेकर जंगल परिसर में जाते है. जिसके कारण बाघ कैमेरे में नही आ रहा है. अब पुन: संबंधित परिसर में कैमेरे लगाए गए है. कैमेरे में मारोडा, कोसंबी व सोमनाथ जंगल में हमला करनेवाला बाघ एक ही है या दूसरा यह देखा जायेगा. तत्पश्चात वनविभाग की ओर से उसे पकडने के लिए उचीत कदम उठाए जायेंगे. ” pic=”” name=”जी. आर. नायगमकर, वनपरिक्षेत्र अधिकारी “]
मूल तहसील में पिछले एक वर्ष में अर्थात मई 2021 से मई 2022 तक बफर क्षेत्र में बाघ के हमले में 5 लोगों को जान से हाथ धोना पडा है. 4 मई 2021 को जानाला निवासी वनिता वसंत गेडाम 45 का बाघ के हमले में मृत्यु हुवी थी. 23 मई 2021 को आदर्शखेडा निवासी मनोहर आडकुजी प्रधाने, 10 अक्टुबर 2021 को चिचोली निवासी राजेंद्र नामदेव ठावरे 42 पर, 30 अप्रैल 2022 को आदर्शखेडा निवासी गजानन आनंदरराव गुरनूले 62 पर, तो रविवार 15 मई 2022 को भादुरना निवासी खुशाल गोविंदा सोनुले पर हमला किया जिसमें इनकी मृत्यु हो गई.
तो मूल वनपरिक्षेत्र में 11 मई 2021 को चिरोली नियतक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 718 में बाघ ने जानाला निवासी किर्तीराम देवराव कुलमेथे पर हमला किया था जिसमें उनकी मृत्यु हो गई. तो 3 जुन 2021 को चंद्रपुर निवासी पशुवैद्यकीय अधिकारी डा. रविकांत एस खोब्रागडे पर हमला किया था जिसमें वह जखमी हो गए थे.