प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद कांग्रेस नेता (फोटो नवभारत)
Rajura Municipal Council Voter List Irregularities: राजुरा नगर परिषद चुनाव 2025 से पहले मतदाता सूची में गड़बड़ियों का मामला गरमाता जा रहा है। नगर परिषद द्वारा 8 अक्टूबर 2025 को जारी की गई मसौदा मतदाता सूची पर अब विवाद खड़ा हो गया है। नागरिकों को 13 अक्टूबर तक आपत्ति दर्ज कराने की समय सीमा दी गई है, लेकिन इससे पहले ही गंभीर अनियमितताओं की शिकायतें सामने आ रही हैं।
पूर्व नगराध्यक्ष अरुण धोटे ने रविवार (12 अक्टूबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि मसौदा मतदाता सूची में भारी विसंगतियां हैं। कई पात्र मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं, जबकि कुछ नाम गलत वार्डों में दर्ज हैं। उन्होंने प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह नागरिकों के मतदान अधिकार का उल्लंघन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला है।
इस मौके पर शहर कांग्रेस कमेटी ने नगर परिषद के मुख्य अधिकारी को लिखित आपत्ति सौंपी और पारदर्शी व निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए तत्काल सुधार की मांग की। दिलचस्प बात यह है कि पूर्व उप नगराध्यक्ष सुनील देशपांडे का नाम भी मतदाता सूची से गायब है।
उन्होंने कहा कि मैंने अब तक कोई चुनाव नहीं छोड़ा, फिर भी मेरा नाम हटा दिया गया है। यह चुनाव आयोग की गड़बड़ी है। यदि नाम बहाल नहीं हुआ तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
इस बीच, नगर परिषद के मुख्य अधिकारी विवेक चौधरी ने कहा कि 2024 की विधानसभा मतदाता सूची से गायब नामों की पहचान कर ली गई है। सभी नामों को पुनः शामिल किया जाएगा ताकि कोई भी नागरिक मतदान से वंचित न रहे। उन्होंने बताया कि 13 अक्टूबर तक आपत्तियां स्वीकार की जाएंगी और अंतिम सूची 28 अक्टूबर 2025 को प्रकाशित की जाएगी।
इस समय, राजुरा विधानसभा कांग्रेस समन्वयक पूर्व नगराध्यक्ष अरुण धोटे, पूर्व उप नगराध्यक्ष सुनील देशपांडे, युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष शांतनु धोटे, कांग्रेस शहर अध्यक्ष पूर्व नगरसेवक हरजीत सिंह संधू, जिला महासचिव एजाज अहमद, पूर्व नगरसेवक प्रभाकर येरने, आनंद दासरी, रवि त्रिशूलवार, संतोष गटलेवार, चंद्रशेखर चांदेकर, अनंत ताजने, हेमंत झाडे, प्रो। प्रफुल शेंडे और अन्य गणमान्य लोग पत्रकार परिषद में उपस्थित थे।
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राजुरा पूर्व उप नगराध्यक्ष सुनील देशपांडे ने कहा कि शहर की विधानसभा मतदाता सूची से अचानक 300 से ज्यादा नाम कैसे गायब हो गए? अब तक, मैंने एक भी चुनाव नहीं छोड़ा है। मै पांच बार से नगर सेवक, नगराध्यक्ष, नगर उपाध्यक्ष का पद संभाल चुका हूं। फिर भी मेरा नाम मतदाता सूची से कट कर दिया गया है। मेरे परिवार के पांच लोगों में से सिर्फ मेरा नाम गायब है।
सुनील देशपांडे ने बताया कि मैंने अपनी दोनों विवाहित बेटियों के नाम शादी के बाद मतदाता सूची से हटवाने के लिए आवेदन किया है, फिर भी उनके नाम दूसरे वार्डों में शामिल कर दिए गए हैं। मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी है, अब मतदाताओं को जागरूक होने की ज़रूरत है। सभी मतदाताओं को मतदाता सूची में अपना नाम ज़रूर देखना चाहिए। मतदाता सूची में नाम नहीं होगा तो न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी।