चंद्रपुर. अक्टूबर और नवंबर महीने में चंद्रपुर में प्रदूषण बढ़ गया था. इसके बाद रविवार से चंद्रपुर में प्रदूषण उच्च स्तर पर पहुंच गया है. दो दिन पहले शहर कोहरे में डूबा हुआ था. रविवार देर रात से चंद्रपुर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 354 दर्ज किया गया. जो इस सर्दी के सीजन में सबसे ज्यादा है. चंद्रपुर में प्रदूषण का स्तर अधिक होने के कारण नागरिकों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
पर्यावरण विशेषज्ञ प्रो. सुरेश चोपणे ने कहा कि आमतौर पर जमीन गर्म रहती है और ऊपर ठंडा. लेकिन रविवार रात से इसका उलटा हो गया. इसका मतलब है कि ज़मीन ठंडी हो गई और ऊपरी सतह गर्म रही. इसे व्युत्क्रम कहते हैं. सर्दी के एक दिन में अक्सर यह स्थिति दो से तीन बार बनती है. इसलिए प्रदूषण अपने चरम पर पहुंच गया है.इस समय हवा सेहत के लिए बेहद खतरनाक है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सोमवार को चंद्रपुर का AQI 354 दर्ज किया. यह बहुत ज्यादा है.
चंद्रपुर पावर स्टेशन से धुआं और भाप शहर के ऊपर मंडरा रहा था.हवा के दबाव के कारण धुआं और धूल ने कोहरे का रूप ले लिया. सुबह-शाम पड़ने वाले इस कोहरे का सेहत पर बुरा असर पड़ता है. सबसे ज्यादा दिक्कत अस्थमा के मरीजों को हो रही है. आंख और छाती के मरीज भी अचानक बढ़ रहे हैं. वायरल बुखार, अस्थमा, छाती रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं. स्मॉग एलर्जी के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. आंखों में जलन के साथ एलर्जी भी हो रही है।
दिल, टीबी और किडनी के मरीजों के लिए स्मॉग बेहद खतरनाक है. स्मॉग और जलवायु परिवर्तन के कारण मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. प्रदूषण कम करने के लिए नगर पालिका मशीनों से पानी का छिड़काव कर रही है, लेकिन प्रयास कम साबित हो रहा है. चंद्रपुर एक औद्योगिक जिला है। सर्दियों में तो यहां हालात और भी बदतर हो जाते हैं. इसके बावजूद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, प्रशासन व जन प्रतिनिधि आवश्यक कदम उठाने के प्रति उदासीन हैं.