
बार-बार सूचित करने के बावजूद दस्तावेज प्रस्तुत नहीं (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Chandrapur Farmers: अतिवृष्टि और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को सरकार द्वारा अनुदान देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। लेकिन प्रशासन ने कहा है कि कई बार सूचना देने के बावजूद कुछ लाभार्थी किसानों ने अपने आवश्यक दस्तावेज अभी तक प्रस्तुत नहीं किए हैं। इसके लिए किसानों को दो दिनों की अंतिम समय-सीमा दी गई है। इसके बाद अनुदान देने की जिम्मेदारी प्रशासन की नहीं होगी, ऐसी अपील की गई है।
जून 2025 में मॉनसून की शुरुआत के साथ ही बेमौसम बारिश, अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण किसानों की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुईं। भविष्य में भी ऐसे हालात बने रहने की संभावना को देखते हुए सरकार ने फसल हानि मुआवजा अनुदान की व्यवस्था की है। इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रभावित किसानों के निम्न दस्तावेज आवश्यक हैं।
प्रशासन ने कहा कि इन दस्तावेजों के बिना किसानों को आने वाले समय में किसी भी प्रकार की फसल हानि सब्सिडी प्राप्त नहीं हो सकेगी। ग्राम पंचायतों में गांव-वार प्रभावित खाताधारकों की सूचियां प्रकाशित कर दी गई हैं। इसके बावजूद कुछ किसानों ने अब तक अपना किसान पहचान क्रमांक, आधार क्रमांक, बैंक विवरण और मोबाइल नंबर जमा नहीं किए हैं। अत: किसानों से अपील की गई है कि वे दो दिनों के भीतर संबंधित ग्राम राजस्व अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी या सहायक कृषि अधिकारी से संपर्क कर आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करें। इसके साथ ही, जिन किसानों की जमीन संयुक्त खाते में दर्ज है, उन्हें अनुदान प्रक्रिया हेतु निर्धारित प्रपत्र में संयुक्त सहमति-पत्र भी जमा करना होगा।
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जारी सूची में शामिल सभी किसानों को चेतावनी दी गई है कि यदि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने दस्तावेज जमा नहीं करते हैं, तो उन्हें फसल हानि सब्सिडी से वंचित कर दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में इसकी जिम्मेदारी किसानों की स्वयं की होगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि समयसीमा समाप्त होने के बाद प्राप्त आवेदन या दस्तावेजों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा।






