कृषि अधिकारी कार्यालय नागभीड़ (फोटो नवभारत)
Chandrapur Nagbhir News: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत वाटरशेड विकास घटक में किसानों की आय और उत्पादन बढ़ाने के लिए वर्ष 2022-23 में काम शुरू किया गया है। इस योजना के अंतर्गत चंद्रपुर जिले की नागभीड़ तहसील में क्लस्टर क्रमांक 5 और 6 बनाए गए हैं, जिनमें लगभग 28 गांव शामिल हैं। इन गांवों में किसानों की कृषि भूमि की मरम्मत, छोटे बांधों का निर्माण और अन्य विकास कार्य किए जा रहे हैं।
फसल उत्पादन की नई पद्धति को किसानों के स्तर पर लागू किया जा रहा है। इसके लिए किसानों को मोटर इंजन, पाइप और कृषि उपकरण खरीदने हैं। इस पर सरकार की ओर से 50,000 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है।
अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को 5,000 रुपये और अन्य किसानों को 10,000 रुपये जनभागीदारी के रूप में देना होगा। यह राशि जलसंधारण विकास निधि से काटी जाएगी, और बाकी धनराशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा की जाएगी।
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लेकिन योजना को डीबीटी (Direct Benefit Transfer) पद्धति से लागू करने के बजाय, तहसील और मंडल कृषि अधिकारियों को सामग्री खरीदने की जिम्मेदारी दी गई है। आपूर्तिकर्ता का चयन कर लिया गया है और उनसे सामान खरीदने को कहा गया है।
आरोप है कि अधिकारी किसानों की अनजानगी का फायदा उठाकर उनसे मनमानी रकम वसूल रहे हैं। साथ ही, वाटरशेड टीम द्वारा ऑन-साइट निरीक्षण के नाम पर प्रत्येक किसान से 2,000 रुपये की वसूली की जा रही है।
बारिश और सूखे से पहले ही संकट में फंसे किसान अब इस अतिरिक्त वसूली से परेशान हैं। किसानों का कहना है कि उनसे वसूली गई राशि उन्हें वापस की जानी चाहिए, वरना वे जनप्रतिनिधियों से न्याय की मांग करेंगे।