गंजेपन के बाद गिर रहे नाखून (सौजन्य-सोशल मीडिया)
बुलढाणा: महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के शेगांव तहसील में बालों के झड़ने की समस्या ने गंभीर रूप ले लिया है। जानकारी सामने आ रही है कि जिन मरीजों के बाल झड़ गए थे, अब उनके नाखून भी झड़ रहे हैं। बाल झड़ने के क्रम को ‘गंजा वायरस’ के नाम से भी जाना जाने लगा है। बाल झड़ने की समस्या से पीड़ित मरीजों के नाखून कमजोर और विकृत हो जाते हैं और गिर जाते हैं। नागरिकों का आरोप है कि स्वास्थ्य एवं जिला प्रशासन ने मरीजों को बेसहारा छोड़ दिया है।
नाखून गिरने की इस घटना से क्षेत्र में भय का माहौल पैदा हो गया है। पिछले दिसंबर से बुलढाणा जिले के शेगांव, नांदुरा और खामगांव तालुका के कई गांवों के नागरिक अचानक बाल झड़ने की समस्या से पीड़ित हैं। अब चौंकाने वाली सच्चाई यह सामने आई है कि बाल झड़ने वाले मरीजों के नाखून अचानक विकृत और कमजोर हो रहे हैं और कई लोगों के नाखून गिर गए हैं।
इस स्थिति के कारण इस क्षेत्र के नागरिक अब भयभीत हैं। नागरिकों का परीक्षण पिछले दिसंबर से ही किया जा रहा है। आईसीएमआर की टीम आ गई। कई बार रक्त के नमूने लिए गए हैं। हालांकि, नागरिक स्वास्थ्य एवं जिला प्रशासन पर मरीजों को बेसहारा छोड़ने का आरोप लगा रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें इलाज के नाम पर कुछ भी नहीं दिया गया। चूंकि, आईसीएमआर की रिपोर्ट अभी तक जारी नहीं हुई है, तो सरकार आखिर क्या छिपाने की कोशिश कर रही है इसका खुलासा नहीं हो पा रहा है।
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इस बीच, बुलढाणा स्वास्थ्य अधिकारी (प्रथम श्रेणी) डॉ. अनिल बनकर ने कहा है कि कुल चार गांवों में नाखून समस्या वाले मरीज पाए गए हैं। कुछ रोगियों में नाखून गिरने की समस्या देखी जा रही है। फिलहाल चार गांवों में कुल 29 मरीज पाए गए हैं। उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया है। उन्हें आगे के इलाज के लिए उप-जिला अस्पताल, शेगांव रेफर कर दिया गया है। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि यह समस्या सेलेनियम के बढ़े हुए स्तर के कारण होती है। उन्होंने कहा कि बाल झड़ने की समस्या से पीड़ित मरीजों को वर्तमान में नाखून झड़ने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।