शिवसेना (यूबीटी) के विधायक भास्कर जाधव (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (MVA) में विधानसभा में विपक्ष के नेता के लिए सहमति बन गई है। एमवीए ने शिवसेना (यूबीटी) के विधायक भास्कर जाधव को एलओपी बनाने का निर्णय लिया है। मंगलवार को विधानमंडल के बजट सत्र के दूसरे दिन पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने भास्कर जाधव को एलओपी बनाने के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को अधिकृत तौर पर पत्र दिया है।
विधानमंडल के बजट सत्र का दूसरा दिन काफी हंगामेदार रहा। सुबह मंत्री धनंजय मुंडे के इस्तीफे की खबर आने के बाद लगा था कि सदन में मुंड के इस्तीफे पर चर्चा होगी। लेकिन सत्र का दूसरा दिन सोमवार को सपा के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष व विधायक अबू आसिम आजमी द्वारा की गई मुगल शासक औरंगजेब की तारीफों के कारण हुए हंगामे की भेंट चढ़ गया।
बताया जा रहा है कि मंगलवार को विधानभवन स्थित विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे के कक्ष में एमवीए के नेताओं की बैठक हुई। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री व शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, शरद पवार की एनसीपी (एसपी) के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष व विधायक जयंत पाटिल, जितेंद्र आव्हाड एवं अन्य नेता मौजूद रहे।
महाराष्ट्र विधानसभेच्या विरोधी पक्षनेतेपदी शिवसेना (उद्धव बाळासाहेब ठाकरे) पक्षाचे गटनेते भास्कर जाधव ह्यांची नियुक्ती करण्याची शिफारस पक्षप्रमुख मा. श्री. उद्धवसाहेब ठाकरे ह्यांनी विधानसभा अध्यक्षांकडे केली. pic.twitter.com/NsVAHoVmCa
— ShivSena – शिवसेना Uddhav Balasaheb Thackeray (@ShivSenaUBT_) March 4, 2025
सूत्रों का दावा है कि इस बैठक में विधानसभा में विपक्ष के नेता के लिए शरद पवार गुट के नेताओं ने उद्धव गुट के समक्ष ढाई-ढाई साल के लिए एलओपी के फार्मूले का प्रस्ताव रखा गया। हालांकि बाद में गुहागर विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना (यूबीटी) के विधायक भास्कर जाधव को एलओपी बनाने का पत्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को दिया गया।
भास्कर जाधव को एलओपी बनाए जाने के संबंध में प्रतिक्रिया देने के दौरान उद्धव ठाकरे ने ढाई साल के फॉर्मूला की बात को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता के पद के लिए ढाई साल का कोई फार्मूला नहीं है। हम साथ मिलकर आगे बढ़ रहे हैं। कई चीजें हैं, चुनाव होंगे या कुछ और होगा तो हम देखेंगे।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि बजट में विपक्ष का कोई नेता होना चाहिए, जो लोगों की तरफ से बोल सके। हमें विश्वास है कि मुख्यमंत्री जिस तरह से साफ-सुथरा काम कर रहे हैं। उसी तरह से लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करते हुए आने वाले बजट से पहले इस मुद्दे पर जल्द से जल्द फैसला लिया जाएगा।
वहीं ये भी कहा जा रहा है कि विधानसभा अधिक विधायक होने की वजह से शिवसेना (यूबीटी) को विपक्ष के नेता का पद देने पर विधान परिषद में अधिक सदस्य होने की वजह से कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष के पद की मांग की है।
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सूत्रों का कहना है कि इस पर शिवसेना (यूबीटी) ने कांग्रेस से 4 महीने का समय मांगा है। क्योंकि नाराज चल रहे भास्कर जाधव को खुश करने के लिए दानवे का पद छीनना शिवसेना (यूबीटी) के लिए आसान नहीं होगा।
बताया जा रहा कि विधान परिषद में विपक्ष के मौजूदा नेता अंबादास दानवे का कार्यकाल 4 महीने में खत्म हो जाएगा। फिलहाल शिवसेना (यूबीटी) के पास इतना संख्या बल नहीं है कि वह दानवे को फिर से परिषद में भेज सके। ऐसे में कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष का पद सौंपने में शिवसेना (यूबीटी) को कोई परेशानी नहीं होगी।