
लाखनी तहसील कार्यालय (सोर्स: सोशल मीडिया)
 
    
 
    
Lakhani Water Crisis: भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय ने वर्ष 2019 में ग्रामीण इलाकों में हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के उद्देश्य से जलजीवन मिशन के तहत हर घर जल योजना शुरू की थी। लेकिन भंडारा जिले की लाखनी तहसील में इस योजना की हकीकत सरकारी दावों से बिल्कुल अलग दिखाई देती है।
अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार कई गांवों में नल जल योजना पूरी हो चुकी बताई गई है, लेकिन ग्रामीणों को अब तक नियमित पानी की आपूर्ति नहीं हो रही। नलों में पानी न आने से लोगों में नाराज़गी बढ़ती जा रही है। कुछ गांवों में तो योजना का उद्घाटन तक हो चुका है, मगर नल आज भी सूखे पड़े हैं।
पानी की कमी के कारण ग्रामीणों को कुएं, बोरवेल और टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। कई महिलाएं और लड़कियां रोजाना किलोमीटरों का सफर तय कर पानी लाने को मजबूर हैं।
सरकार की ओर से टैंकरों के माध्यम से कुछ स्थानों पर पानी पहुंचाने की व्यवस्था की गई है और जिन किसानों के कुओं में पर्याप्त जलस्रोत है, उनका पानी अधिग्रहित करने का प्रावधान भी किया गया है। फिर भी कई गांवों में ‘हर घर जल’ योजना एक सपना ही बनी हुई है।
शासन स्तर पर इस योजना को सख्ती से लागू करने का दावा किया गया था, लेकिन लाखनी तहसील की हकीकत लचर व्यवस्था को उजागर करती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कॉन्ट्रैक्टरों और अधिकारियों के बीच ढीले समन्वय और आर्थिक अनियमितताओं की चर्चाओं के चलते कई प्रकल्प अधूरे रह गए हैं।
ग्रामीणों के मन में योजना के प्रति अविश्वास और आक्रोश पैदा हो गया है। ग्रामीणों का सवाल है कि जब जल मंत्रालय ही जनता की मूलभूत जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा, तो क्या यह योजना केवल दिखावे के लिए शुरू की गई थी?
जलजीवन मिशन का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर शुद्ध नल का पानी उपलब्ध कराना था। इसके लिए केंद्र सरकार ने करोड़ों रुपये का फंड जारी किया था।
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राज्य के हर जिले और तहसील में इस निधि से नल जल योजनाएं लागू की जानी थीं, ताकि ग्रामीण इलाकों में पेयजल की कमी दूर की जा सके। लेकिन लाखनी तहसील में कई स्थानों पर फंड खर्च हो जाने के बावजूद काम अधूरा है, और नागरिक अब भी प्यासे हैं।
आज भी लाखनी तहसील के कई गांवों में महिलाओं को पानी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। शासन की ओर से किसानों की कुओं और बोरवेल से पानी लेने के उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन यह केवल अस्थायी समाधान साबित हो रहे हैं। कई जगहों पर जलजीवन मिशन के अंतर्गत पाइपलाइन और टंकी का निर्माण पूरा हो चुका है, पर नलों से पानी नहीं टपक रहा है।
स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से अपूर्ण कामों की जांच कर खर्च हुए फंड की वसूली जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों से करने की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय रहते सुधार नहीं हुआ, तो लाखनी तहसील हर घर जल योजना के बावजूद प्यासा ही रह जाएगा।






