घर-घर सिलेंडर सेवा में ग्राहकों से लूट (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Bhandara District: भंडारा जिले में घर-घर गैस सिलेंडर वितरण सेवा को लेकर ग्राहकों से अतिरिक्त शुल्क वसूले जाने की शिकायतें सामने आ रही हैं। सिलेंडर पहुंचाने वाले डिलीवरी बॉय ग्राहकों से 10 से 20 रुपये अतिरिक्त मांगते हैं, जबकि यह पूरी तरह अवैध है। दरअसल, घर-घर सेवा का शुल्क सिलेंडर की कीमत में ही शामिल होता है। हालांकि यह प्रथा व्यापक रूप से चल रही है, लेकिन ग्राहक शिकायत दर्ज कराने से बचते हैं। जबकि उन्हें संबंधित गैस एजेंसी या ग्राहक सेवा केंद्र में इसकी रिपोर्ट करनी चाहिए। गैस एजेंसियों को भी डिलीवरी बॉय पर नियंत्रण रखते हुए ग्राहकों की परेशानी दूर करने के उपाय करने चाहिए।
ग्राहकों से मिली जानकारी के अनुसार, डिलीवरी बॉय सिलेंडर पहुंचाने के बाद अतिरिक्त पैसे मांगते हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या अधिक देखी जाती है। निर्धारित कीमत में घर तक सिलेंडर देना अनिवार्य होने के बावजूद ग्राहक अक्सर झगड़े और तकरार से बचने के लिए मजबूरीवश अतिरिक्त पैसे दे देते हैं। पहले से ही सिलेंडर महंगा हो चुका है, उस पर यह अतिरिक्त बोझ ग्राहकों को खल रहा है।
गैस एजेंसी संचालकों का कहना है कि डिलीवरी बॉय को किसी से भी अतिरिक्त पैसे न लेने की हिदायत दी गई है। लेकिन कुछ ग्राहक सिलेंडर को ऊपर मंज़िल तक पहुंचवाने पर स्वेच्छा से पांच-दस रुपये इनाम के तौर पर दे देते हैं। उनका कहना है कि उनके पास अब तक आधिकारिक शिकायतें प्राप्त नहीं हुई हैं। भंडारा जिले में कुल 24 गैस एजेंसियाँ कार्यरत हैं। ग्राहक संख्या 4,13,758 है। उज्ज्वला योजना कनेक्शनधारक 94,898 है। अन्य ग्राहक 3,18,860 है।
जिला आपूर्ति अधिकारी नरेश वंजारी ने कहा कि घर-घर वितरण शुल्क सिलेंडर की कीमत में पहले से शामिल है। ग्राहकों को अतिरिक्त पैसे नहीं देने चाहिए और ऐसी शिकायतें गैस एजेंसी या ग्राहक सेवा केंद्र तक पहुंचानी चाहिए। वहीं गृहिणी सुनंदा झाडे ने बताया कि मैं हर महीने घरपहुंच सिलेंडर लेती हूं। डिलीवरी बॉय हर बार 10–15 रुपये ज़्यादा माँगता है। पैसे न देने पर उसका बर्ताव चिड़चिड़ा हो जाता है और सिलेंडर रखते समय लापरवाही करता है। पता होते हुए भी कि सेवा का शुल्क बिल में शामिल है, मजबूरी में पैसे देने पड़ते हैं। यह अन्याय है।
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घर-घर सिलेंडर वितरण को सुरक्षित बनाने के लिए कंपनियों ने ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) प्रणाली अनिवार्य की है। सिलेंडर डिलीवरी के समय ग्राहक को मोबाइल पर आया ओटीपी डिलीवरी बॉय को बताना पड़ता है। लेकिन इस प्रक्रिया में कई तकनीकी दिक्कतें सामने आती हैं। कई ग्राहकों का मोबाइल नंबर कंपनी के पास पुराना दर्ज रहता है, जिससे ओटीपी किसी और नंबर पर चला जाता है। नेटवर्क समस्या या एसएमएस न आने पर डिलीवरी बॉय सिलेंडर वापस ले जाता है।