(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Chichal Wrestling Competition: भंडारा जिले के पवनी तहसील के चिचाल गांव में पोला पर्व के दूसरे दिन आयोजित कुश्ती दंगल में इस बार इतिहास रच गया। जहां पिछले 45 वर्षों से लगातार यह परंपरा निभाई जा रही है, वहीं इस बार पहली बार महिला पहलवान सोनल पंचबुधे ने प्रतियोगिता में भाग लेकर न केवल पुरुषों के साथ कुश्ती लड़ी, बल्कि विजेता बनकर नया कीर्तिमान भी स्थापित कर दिया।
इस कुश्ती आयोजन की शुरुआत जयराम दिघोरे द्वारा पारंपरिक अखाड़ा पूजन से हुई। इस अवसर पर आयोजक एड. देवदास वैरागड़े, लवकेश मिश्रा, कुश्ती गुरु नाथू लुटे, हेमराज कंजोड़े, विवाद मुक्त समिति अध्यक्ष मनोज वैरागड़े, परशुराम दिघोरे, मंगेश गिरेपुंजे, निरंजन येलने, दिलीप काटेकर, शाहिद अली, प्रकाश पचारे और विजय रंगारी जैसे गणमान्य उपस्थित रहे।
एड. देवदास वैरागड़े ने बताया कि जब वे युवा थे, तब उस्ताद जयराम दिघोरे कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन करते थे, जो कुछ समय बाद बंद हो गया था। वर्ष 1980 में उन्होंने इसे फिर से शुरू किया और अपने खर्चे पर 45 वर्षों से इस परंपरा को जीवित रखा है। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी पहलवानों को ट्रॉफी, उपहार और यात्रा भत्ता प्रदान किया गया।
सोनल पंचबुधे, भंडारा की युवा पहलवान, इस बार की प्रतियोगिता का मुख्य आकर्षण रहीं। उन्होंने पुरुष पहलवानों के साथ कुश्ती लड़ी और शानदार जीत दर्ज की, जिससे दंगल में एक नई लहर देखने को मिली। यह पहल महिलाओं के लिए खेल के क्षेत्र में समान अवसर की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम माना जा रहा है।
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प्रतियोगिता में अमित वंजारी (भंडारा), अभय सर्वे (गुंथारा), प्रियजीत बिलोने, त्रिशन उके, नयन वैद्य (चिचाल), मयंक गोमासे (गुंधरा), सावन लुटे (निमगांव), विक्की काटेखाये (चिचाल), रुद्रराम अंबेधले (कोंढा), अंकुश वाघधरे (चिचाल), वेदांत कराडे (खमारी), ओंकार नखाते, अथर्व काटेखाये, स्वप्निल नेवारे (चिचाल) ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया और ट्रॉफी एवं उपहारों से सम्मानित हुए।
दंगल की शुरुआत दोपहर से हुई और शाम तक हजारों दर्शक उत्साहपूर्वक कुश्ती का आनंद लेते रहे। ईश्वर वैद्य, विनायक बनकर और संजय काटेखाये ने रेफरी की भूमिका निभाई। वहीं मुकंद वैद्य, परसराम दिघोरे और विशाल वैद्य ने आयोजन की सफलता में अहम योगदान दिया।