भंडारा नगर परिषद (सोर्स: सोशल मीडिया)
Bhandara Politics: भंडारा जिले की नगर परिषदों के नगराध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण का ड्रॉ मुंबई में निकाला गया। ड्रा निकाले जाने के बाद भंडारा जिले में कहीं खुशी तो कहीं गम का माहौल देखने को मिला। आरक्षण के इस फैसले के तहत तीन नगर परिषदों में नगराध्यक्ष पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं।
भंडारा, साकोली और पवनी नगर परिषदों में नगराध्यक्ष पद सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित हुए हैं। जबकि तुमसर नगर परिषद में यह पद ओबीसी (अन्य पिछडे वर्ग) के उम्मीदवार के लिए आरक्षित किया गया है।
इस निर्णय से तीन नगर परिषदों में महिला नेतृत्व और अधिक मजबूत होने वाला है। नतीजतन, नगराध्यक्ष पद का सपना देखने वाले अनेक पुरुष इच्छुकों की उम्मीदें धूमिल पड़ गई हैं।
पिछले कई दिनों से सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं में आरक्षण को लेकर उत्सुकता थी, जो अब खत्म हो गई और नई राजनीतिक रणनीति पर चर्चा का दौर शुरू हो चुका है। नगर परिषदों का कार्यकाल वर्ष 2022 में ही समाप्त हो चुका था। तब से कई इच्छुक उम्मीदवार जनसंपर्क बढ़ाने, त्योहारों में दान देने और जनहित के कार्यों में सक्रिय होकर खुद को स्थापित करने में जुटे थे।
अब जब तीनों स्थानों पर महिला आरक्षण घोषित हो गया है, तो उनके सारे प्रयास व्यर्थ साबित हुए हैं। पवनी और साकोली नगर परिषदों में पहले से ही महिला नेतृत्व सक्रिय रहा है। इसलिए इन दोनों स्थानों पर आगामी पांच वर्ष तक फिर से महिलाओं का शासन रहेगा, यह ड्रा निकलने के बाद तय हो गया है। केवल तुमसर नगर परिषद में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण घोषित होने से वहां का मुकाबला अलग स्वरूप लेगा।
आरक्षण की घोषणा होते ही सभी राजनीतिक दलों ने संभावित महिला उम्मीदवारों की तलाश शुरू कर दी है। नगराध्यक्ष पद के आरक्षण से भले ही कई पुरुष नेताओं की आकांक्षाओं पर विराम लग गया हो, लेकिन महिलाओं के लिए अब नए अवसरों के द्वार खुल गए हैं।
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भंडारा, पवनी और साकोली नगर परिषदों में सामान्य महिला आरक्षण के कारण मुकाबला बेहद दिलचस्प रहेगा। अब तय हो गया है कि सत्ता लाडली बहनों के हाथों में होगी। राज्य सरकार की ओर से नगर परिषद चुनावों की औपचारिक घोषणा जल्द ही की जाने की संभावना है।
महिलाओं के लिए नगराध्यक्ष पद आरक्षित होने से अब कई पुरुष इच्छुक अपने घर की गृहलक्ष्मी को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी में हैं। यह महिलाओं के लिए नेतृत्व में कदम रखने का सुनहरा अवसर साबित हो सकता है। आने वाले दिनों में कौन-सी पार्टी क्या रणनीति बनाती है, यह देखना दिलचस्प होगा।
भंडारा जिले की लाखनी, लाखांदुर और मोहाडी नगर पंचायतों में भी नगराध्यक्ष पद सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित हुए हैं। हालांकि इन तीनों नगर पंचायतों का करीब डेढ़ वर्ष का कार्यकाल अभी बाकी है, लेकिन इससे यह स्पष्ट है कि आने वाले वर्षों में जिले में महिला नेतृत्व और भी मजबूत होगा।